• 0 Comments 0 Shares 469 Views 0 Reviews
  • Like
    Love
    2
    0 Comments 0 Shares 538 Views 0 Reviews
  • 0 Comments 0 Shares 82 Views 0 Reviews
  • 0 Comments 0 Shares 143 Views 0 Reviews
  • Like
    1
    0 Comments 0 Shares 102 Views 0 Reviews
  • Like
    Love
    4
    0 Comments 0 Shares 1335 Views 0 Reviews
  • 0 Comments 0 Shares 115 Views 0 Reviews
  • 0 Comments 0 Shares 80 Views 0 Reviews
  • Love
    1
    0 Comments 0 Shares 237 Views 0 Reviews
  • Bhokal Desk डिअर टीम कृपया संज्ञान लें...क्रिएटर कैटेगरी में voice over का ऑप्शन दो बार आ रहा है.
    [master] डिअर टीम कृपया संज्ञान लें...क्रिएटर कैटेगरी में voice over का ऑप्शन दो बार आ रहा है.
    Like
    3
    1 Comments 0 Shares 1286 Views 0 Reviews
  • Like
    1
    0 Comments 0 Shares 213 Views 0 Reviews
  • Bhokal Desk plz take a look on it
    [master] plz take a look on it
    1 Comments 0 Shares 223 Views 0 Reviews
  • Like
    1
    0 Comments 0 Shares 185 Views 0 Reviews
  • 0 Comments 0 Shares 457 Views 0 Reviews
  • Like
    Love
    2
    1 Comments 0 Shares 474 Views 0 Reviews
  • Like
    2
    0 Comments 0 Shares 1279 Views 0 Reviews
  • Please Note : All the memebers joining before we reach 1000 members mark would be considered as Founding members of the platform.
    They will avail life time free membership and would be allowed premium priviledges for life.
    Please Note : All the memebers joining before we reach 1000 members mark would be considered as Founding members of the platform. They will avail life time free membership and would be allowed premium priviledges for life.
    Love
    Like
    4
    0 Comments 0 Shares 1492 Views 0 Reviews
  • Our Android application is almost ready. We will soon be launching the andorid app for you to stay connected 24X7.
    Thanks for your support.
    Cheers to the new journey of content creation.
    Our Android application is almost ready. We will soon be launching the andorid app for you to stay connected 24X7. Thanks for your support. Cheers to the new journey of content creation.
    Love
    Like
    6
    2 Comments 0 Shares 1481 Views 0 Reviews
  • Please note : Everyone of you can invite your creator friends to join the platform. To invite, you need to click on invite friends button, and then generate new login referral codes.

    We are aware that you still lack information on how to use it and what are all the features. But please rest assured, it is deliberate a choice, not to explain things in detail and keep it to one-o-one conversation. As we do not want to leak the idea in public and then see others compete in the market before we are really ready to face any competition.
    Please note : Everyone of you can invite your creator friends to join the platform. To invite, you need to click on invite friends button, and then generate new login referral codes. We are aware that you still lack information on how to use it and what are all the features. But please rest assured, it is deliberate a choice, not to explain things in detail and keep it to one-o-one conversation. As we do not want to leak the idea in public and then see others compete in the market before we are really ready to face any competition.
    Like
    Love
    4
    0 Comments 0 Shares 1575 Views 0 Reviews
  • एकादशी कब है ये तो गूगल पर सर्च करके जान लेते हैं लेकिन कभी आपने जानने की कोशिश की है की एकादशी क्या है इसका क्या मतलब होता है तो चलिए आज इसके बारे में भी आपको बताते हैं कि एकादशी क्या है और अप्रैल महीने में कौन कौन सी एकादशी मनाई जाती है.

    एकादशी क्या है?
    सनातन धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है। यह दिन हिन्दू महीने में होने वाले दो चन्द्र चरणों के ग्यारहवें दिन को कहा जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि ये चंद्र चरण क्या होते हैं ? चलिए बताते हैं। चन्द्र चरणो दो होते है शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। यह दिन हिन्दू कैलेण्डर के अनुसार एक साल में 24 बार आता है। कभी-कभी, दो अतिरिक्त एकादशी होती हैं जो कि एक लीप वर्ष में होती हैं।हर एकादशी का अपना अलग महत्व है और उसके अलग-अलग फल मिलते हैं बाकी और अधिक जानना है तो आपको भागवत् पुराण पढ़ना पड़ेगा क्योंकि उसमे एकादशी के बारे में विस्तार से बताया गया है ।
    Read More- https://ninetv.in/archives/9155

    #ninetv #bhokal #ekadashi
    एकादशी कब है ये तो गूगल पर सर्च करके जान लेते हैं लेकिन कभी आपने जानने की कोशिश की है की एकादशी क्या है इसका क्या मतलब होता है तो चलिए आज इसके बारे में भी आपको बताते हैं कि एकादशी क्या है और अप्रैल महीने में कौन कौन सी एकादशी मनाई जाती है. एकादशी क्या है? सनातन धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है। यह दिन हिन्दू महीने में होने वाले दो चन्द्र चरणों के ग्यारहवें दिन को कहा जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि ये चंद्र चरण क्या होते हैं ? चलिए बताते हैं। चन्द्र चरणो दो होते है शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। यह दिन हिन्दू कैलेण्डर के अनुसार एक साल में 24 बार आता है। कभी-कभी, दो अतिरिक्त एकादशी होती हैं जो कि एक लीप वर्ष में होती हैं।हर एकादशी का अपना अलग महत्व है और उसके अलग-अलग फल मिलते हैं बाकी और अधिक जानना है तो आपको भागवत् पुराण पढ़ना पड़ेगा क्योंकि उसमे एकादशी के बारे में विस्तार से बताया गया है । Read More- https://ninetv.in/archives/9155 #ninetv #bhokal #ekadashi
    NINETV.IN
    एकादशी kab hai 2023 april :अप्रैल 2023 की एकादशी कब है ? जानिए शुभ मुहूर्त एवं व्रत कथा
    अप्रैल 2023 की एकादशी कब है ? जानिए शुभ मुहूर्त एवं व्रत कथा
    Like
    1
    0 Comments 0 Shares 493 Views 0 Reviews
  • यहां जानें वरुथिनी एकादशी व्रत कथा-
    प्राचीन समय के अनुसार पूर्व नर्मदा नदी के किनारे राजा मांधाता का राज्य हुआ करता था जो बेहद दानी व तपस्वी राजा थे। एक समय की बात है वह जंगल में तपस्या कर रहे थे परंतु उसी वक्त वहां एक भालू आया और उनके पैर को खाने लगा मांधाता तपस्या में लीन थे उन्होंने भालू करना तो क्रोध किया ना ही उसे मारने की कोशिश की। उन्होंने काफी देर तक दर्द को बर्दाश्त करने की कोशिश की परंतु जब दर्द असहनीय हो गया तब उन्होंने भगवान विष्णु को याद किया। कथाओं के अनुसार तब भगवान विष्णु ने स्वयं वहां प्रकट होकर राजा की उस भालू से रक्षा की। परंतु ऐसा कहा जाता है जब कृष्ण भगवान ना प्रकट हुए तब तक भालू ने राजा के पैरों को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा दिया था। जिसे देख कर आजा बहुत दुखी हुए। तब भगवान विष्णु ने उनसे कहा कि ही राजन आप दुख ना करें बालों ने जो तुम्हें काटा है यह तुम्हारे पूर्व जन्म के पूरे कर्मों का नतीजा है। इसके लिए तो मथुरा जाओ और वहां वरुथिनी एकादशी का व्रत विधि विधान से करो इससे तुम्हारे पैर ठीक हो जाएंगे। ऐसा कहा जाता है कि इसके बाद राजा ने भगवान की आज्ञा का पालन किया और वह मथुरा गए जिसके बाद उनके पैर ठीक हो गए।
    #ninetv #bhokal
    यहां जानें वरुथिनी एकादशी व्रत कथा- प्राचीन समय के अनुसार पूर्व नर्मदा नदी के किनारे राजा मांधाता का राज्य हुआ करता था जो बेहद दानी व तपस्वी राजा थे। एक समय की बात है वह जंगल में तपस्या कर रहे थे परंतु उसी वक्त वहां एक भालू आया और उनके पैर को खाने लगा मांधाता तपस्या में लीन थे उन्होंने भालू करना तो क्रोध किया ना ही उसे मारने की कोशिश की। उन्होंने काफी देर तक दर्द को बर्दाश्त करने की कोशिश की परंतु जब दर्द असहनीय हो गया तब उन्होंने भगवान विष्णु को याद किया। कथाओं के अनुसार तब भगवान विष्णु ने स्वयं वहां प्रकट होकर राजा की उस भालू से रक्षा की। परंतु ऐसा कहा जाता है जब कृष्ण भगवान ना प्रकट हुए तब तक भालू ने राजा के पैरों को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा दिया था। जिसे देख कर आजा बहुत दुखी हुए। तब भगवान विष्णु ने उनसे कहा कि ही राजन आप दुख ना करें बालों ने जो तुम्हें काटा है यह तुम्हारे पूर्व जन्म के पूरे कर्मों का नतीजा है। इसके लिए तो मथुरा जाओ और वहां वरुथिनी एकादशी का व्रत विधि विधान से करो इससे तुम्हारे पैर ठीक हो जाएंगे। ऐसा कहा जाता है कि इसके बाद राजा ने भगवान की आज्ञा का पालन किया और वह मथुरा गए जिसके बाद उनके पैर ठीक हो गए। #ninetv #bhokal
    Like
    1
    0 Comments 0 Shares 477 Views 0 Reviews
  • रेमो का जन्म हुआ था 2 अप्रैल 1974 को कर्नाटक के बेंगलुरु में. लडके का नाम रखा गया रमेश गोपी लेकिन लड़के को ये नाम कुछ जमा नहीं . थोड़ा जब बड़े हुए और कुछ दिमाग के स्क्रू चलने शुरू हुए तो भाई साहब ने अपना नाम ख़ुद ही बदल लिया और बन गए रेमो डिसूज़ा.जब रेमो ने अपना नाम बदला तब वो पढ़ाई-लिखाई को ताक में रख कर डांसर बनने मुंबई आ चुके थे और पढाई-लिखाई भी कितनी, सिर्फ दसवीं.

    ये भी पढ़ें –महेश भट्ट ने आलिया को सातवां वचन देने से क्यों रोंका ?

    पैसे की तंगी, खाने को कुछ नहीं
    मुंबई आने के साथ ही रेमो का स्ट्रगल शुरू हो चुका था. कोई गॉडफादर तो था नहीं. लिहाज़ा खाने से लेकर रहने तक की सब व्यवस्था ख़ुद ही करनी थी. इसके लिए रेमो ने 3 दोस्तों के साथ मिलकर डांस क्लास शुरू की लेकिन कई बार एक भी स्टूडेंट नहीं होता था. ऐसे में कई दिन तक भूखा भी रहना पड़ा, पैसे की तंगी का भी सामना करना पड़ा लेकिन इसी बीच रेमो को एक लड़की से प्यार हो गया. नाम था लिजेल. लिजेल, रेमो के स्ट्रगल के दिनों में हमेशा उनके साथ खड़ी रही और आगे चलकर दोनों ने शादी कर ली.

    #ninetv #bhokal
    रेमो का जन्म हुआ था 2 अप्रैल 1974 को कर्नाटक के बेंगलुरु में. लडके का नाम रखा गया रमेश गोपी लेकिन लड़के को ये नाम कुछ जमा नहीं . थोड़ा जब बड़े हुए और कुछ दिमाग के स्क्रू चलने शुरू हुए तो भाई साहब ने अपना नाम ख़ुद ही बदल लिया और बन गए रेमो डिसूज़ा.जब रेमो ने अपना नाम बदला तब वो पढ़ाई-लिखाई को ताक में रख कर डांसर बनने मुंबई आ चुके थे और पढाई-लिखाई भी कितनी, सिर्फ दसवीं. ये भी पढ़ें –महेश भट्ट ने आलिया को सातवां वचन देने से क्यों रोंका ? पैसे की तंगी, खाने को कुछ नहीं मुंबई आने के साथ ही रेमो का स्ट्रगल शुरू हो चुका था. कोई गॉडफादर तो था नहीं. लिहाज़ा खाने से लेकर रहने तक की सब व्यवस्था ख़ुद ही करनी थी. इसके लिए रेमो ने 3 दोस्तों के साथ मिलकर डांस क्लास शुरू की लेकिन कई बार एक भी स्टूडेंट नहीं होता था. ऐसे में कई दिन तक भूखा भी रहना पड़ा, पैसे की तंगी का भी सामना करना पड़ा लेकिन इसी बीच रेमो को एक लड़की से प्यार हो गया. नाम था लिजेल. लिजेल, रेमो के स्ट्रगल के दिनों में हमेशा उनके साथ खड़ी रही और आगे चलकर दोनों ने शादी कर ली. #ninetv #bhokal
    Like
    1
    0 Comments 0 Shares 476 Views 0 Reviews
  • गाइज भोकाल पे मज़ा आ रहा है ?
    गाइज भोकाल पे मज़ा आ रहा है ?
    1
    0
    0
    0
    Like
    1
    0 Comments 0 Shares 453 Views 0 Reviews
  • रेमो ने रचाई तीन बार शादी
    ये सुनकर आप भी हैरान रह गए होंगे न? लेकिन चौंकिए नहीं क्योंकि रेमो ने अलग-अलग लड़कियों से नहीं बल्कि अपनी पत्नी लिजेल से ही तीन बार शादी रचाई है. दरअसल साल 2019 में रेमो और लिजेल ने शादी की 20वीं सालगिरह पर तीसरी बार क्रिश्चियन रीति-रिवाज से शादी रचाई थी. जिसके लिए रेमो काफी सुर्ख़ियों में रहे थे.

    इसको ज़रूर क्लिक करो – मीडिया से रिलेटेड जॉब अपडेट चाहिए, तो नाइन टीवी के मीडिया सेंटर में आइये- https://chat.whatsapp.com/HvYyBAZH9fVHAJCIlh5xGL
    रेमो ने रचाई तीन बार शादी ये सुनकर आप भी हैरान रह गए होंगे न? लेकिन चौंकिए नहीं क्योंकि रेमो ने अलग-अलग लड़कियों से नहीं बल्कि अपनी पत्नी लिजेल से ही तीन बार शादी रचाई है. दरअसल साल 2019 में रेमो और लिजेल ने शादी की 20वीं सालगिरह पर तीसरी बार क्रिश्चियन रीति-रिवाज से शादी रचाई थी. जिसके लिए रेमो काफी सुर्ख़ियों में रहे थे. इसको ज़रूर क्लिक करो – मीडिया से रिलेटेड जॉब अपडेट चाहिए, तो नाइन टीवी के मीडिया सेंटर में आइये- https://chat.whatsapp.com/HvYyBAZH9fVHAJCIlh5xGL
    Like
    Love
    2
    0 Comments 0 Shares 461 Views 0 Reviews
  • उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी गैंगस्टर अतीक अहमद (Atique Ahmed News) सोमवार को शाम साढ़े 5 बजे प्रयागराज की नैनी जेल पहुँच चुका है. अतीक का एक बेटा अली अहमद भी इसी जेल में बंद है. अतीक को उमेश पाल किडनैपिंग केस में आज स्पेशल MP/MLA कोर्ट में पेश किया जाएगा. उसके गैंगस्टर भाई अशरफ को भी इसी केस में पुलिस बरेली से प्रयागराज लाई है.
    उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी गैंगस्टर अतीक अहमद (Atique Ahmed News) सोमवार को शाम साढ़े 5 बजे प्रयागराज की नैनी जेल पहुँच चुका है. अतीक का एक बेटा अली अहमद भी इसी जेल में बंद है. अतीक को उमेश पाल किडनैपिंग केस में आज स्पेशल MP/MLA कोर्ट में पेश किया जाएगा. उसके गैंगस्टर भाई अशरफ को भी इसी केस में पुलिस बरेली से प्रयागराज लाई है.
    Like
    1
    0 Comments 0 Shares 505 Views 0 Reviews
  • Like
    1
    0 Comments 0 Shares 453 Views 0 Reviews
  • मध्यप्रदेश से पुलिस का क़ाफ़िला अतीक अहमद (Atique Ahmed News) को लेकर चल चुका था. पूरे रास्ते भर अतीक के चेहरे पर ख़ौफ़ बना रहा. इसी बीच मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश बॉर्डर के पास अतीक को लेकर आ रहा पुलिस का क़ाफ़िला अचानक से रूक गया. शिवपुरी से झांसी के बीच अतीक के वज्र वाहन से अचानक एक गाय टकरा गई. इसके बाद ड्राइवर ने झम्म से ब्रेक लगा दिया. गनीमत रही कि वैन पलटी नहीं। साथ में चल रही पुलिस और मीडिया की दर्जनों गाड़ियां भी तुरंत रूक गईं.
    स्पीड में चल रही गाड़ियों के बीच में अचानक से रुकने का कारण कोई समझ नहीं पाया. गाड़ी से टक्कर इतनी तेज़ थी कि इससे गाय की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई. गनीमत रही कि वैन पलटने से बच गई. उसके बाद पूरे क़ाफ़िले को कुछ देर के लिए रोका गया और उसके बाद यह क़ाफ़िला आगे के लिए रवाना हुआ.

    #ninetv #bhokal
    मध्यप्रदेश से पुलिस का क़ाफ़िला अतीक अहमद (Atique Ahmed News) को लेकर चल चुका था. पूरे रास्ते भर अतीक के चेहरे पर ख़ौफ़ बना रहा. इसी बीच मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश बॉर्डर के पास अतीक को लेकर आ रहा पुलिस का क़ाफ़िला अचानक से रूक गया. शिवपुरी से झांसी के बीच अतीक के वज्र वाहन से अचानक एक गाय टकरा गई. इसके बाद ड्राइवर ने झम्म से ब्रेक लगा दिया. गनीमत रही कि वैन पलटी नहीं। साथ में चल रही पुलिस और मीडिया की दर्जनों गाड़ियां भी तुरंत रूक गईं. स्पीड में चल रही गाड़ियों के बीच में अचानक से रुकने का कारण कोई समझ नहीं पाया. गाड़ी से टक्कर इतनी तेज़ थी कि इससे गाय की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई. गनीमत रही कि वैन पलटने से बच गई. उसके बाद पूरे क़ाफ़िले को कुछ देर के लिए रोका गया और उसके बाद यह क़ाफ़िला आगे के लिए रवाना हुआ. #ninetv #bhokal
    Like
    Love
    2
    0 Comments 0 Shares 527 Views 0 Reviews
  • किस मामले में अतीक अहमद को लाया गया प्रयागराज
    दरअसल, राजू पाल हत्याकांड में गवाह बनने के बाद उमेश पाल के ऊपर खतरा मंडराने लगा था। अतीक ने कई लोगों से कहलवाया कि वह केस से हट जाए नहीं तो उन्हें दुनिया से हटा दिया जाएगा। उमेश नहीं माने तो 28 फरवरी 2006 को उसका अपहरण कर लिया गया। उसे करबला स्थित कार्यालय में ले जाकर अतीक ने रात भर पीटा था और उससे हलफ़नामा पर दस्तख़त भी करवा लिए थे। तो सवाल ये कि फिर उमेश पाल के साथ आगे क्या हुआ ?

    ये भी पढ़िए –मणिकंदन अयप्पन ने मृत्यु के बाद भी 4 लोगों को दी नई जिंदगी।

    24 फरवरी हुई उमेश की हत्या
    जबरन लिखाए गए हलफ़नामें और धमकियों के दबाव में उमेश ने अतीक के पक्ष में अदालत में गवाही भी दे दी। हालांकि वो समय बदलने का इंतजार कर रहे थे। जब 2007 में मायावती सरकार बनी तो उमेश ने अपने अपहरण का मुक़दमा दर्ज कराया। इसी मुकदमे में पैरवी कर 24 फरवरी को उमेश घर लौट रहे थे, तभी उनकी हत्या कर दी गई। अब अदालत ने इस मामले में फैसले की तारीख़ 28 मार्च मुकर्रर की है।अब चलते हैं इस घटना के शुरूआती छोर पर यानी कि राजू पाल की हत्याकांड पर.
    किस मामले में अतीक अहमद को लाया गया प्रयागराज दरअसल, राजू पाल हत्याकांड में गवाह बनने के बाद उमेश पाल के ऊपर खतरा मंडराने लगा था। अतीक ने कई लोगों से कहलवाया कि वह केस से हट जाए नहीं तो उन्हें दुनिया से हटा दिया जाएगा। उमेश नहीं माने तो 28 फरवरी 2006 को उसका अपहरण कर लिया गया। उसे करबला स्थित कार्यालय में ले जाकर अतीक ने रात भर पीटा था और उससे हलफ़नामा पर दस्तख़त भी करवा लिए थे। तो सवाल ये कि फिर उमेश पाल के साथ आगे क्या हुआ ? ये भी पढ़िए –मणिकंदन अयप्पन ने मृत्यु के बाद भी 4 लोगों को दी नई जिंदगी। 24 फरवरी हुई उमेश की हत्या जबरन लिखाए गए हलफ़नामें और धमकियों के दबाव में उमेश ने अतीक के पक्ष में अदालत में गवाही भी दे दी। हालांकि वो समय बदलने का इंतजार कर रहे थे। जब 2007 में मायावती सरकार बनी तो उमेश ने अपने अपहरण का मुक़दमा दर्ज कराया। इसी मुकदमे में पैरवी कर 24 फरवरी को उमेश घर लौट रहे थे, तभी उनकी हत्या कर दी गई। अब अदालत ने इस मामले में फैसले की तारीख़ 28 मार्च मुकर्रर की है।अब चलते हैं इस घटना के शुरूआती छोर पर यानी कि राजू पाल की हत्याकांड पर.
    Like
    1
    0 Comments 0 Shares 457 Views 0 Reviews
  • कुछ लोगों की ग़लतियों को इंसान तो माफ़ कर देता है पर ईश्वर उसे नज़रंदाज़ नहीं कर पाता, यह सब जानते हुए भी वह व्यक्ति बार-बार उसी ग़लती को दोहराता है, फिर जब उसके अहम के चलते उसके पाप का घड़ा भर जाता है तब डोलता है ईश्वर का न्याय चक्र, तब किसी माफ़ीनामे की सुनवाई नहीं होती ना ही कोई सिफारिश और ना ही कोई सूरत ओहदा या चतुराई काम आती है। क्योंकि इंसान माफ़ कर सकता है इंसान के गुनाहों को पर ईश्वर से बचकर जाने का कोई रास्ता अभी तक बना नहीं। वह इंसाफ करता है वह इंसाफ करेगा क्योंकि जितना पवित्र विश्वास था तुम पर उतनी ही अटूट मेरी आस्था है उस पर।

    लेखक -श्रवण शर्मा
    कुछ लोगों की ग़लतियों को इंसान तो माफ़ कर देता है पर ईश्वर उसे नज़रंदाज़ नहीं कर पाता, यह सब जानते हुए भी वह व्यक्ति बार-बार उसी ग़लती को दोहराता है, फिर जब उसके अहम के चलते उसके पाप का घड़ा भर जाता है तब डोलता है ईश्वर का न्याय चक्र, तब किसी माफ़ीनामे की सुनवाई नहीं होती ना ही कोई सिफारिश और ना ही कोई सूरत ओहदा या चतुराई काम आती है। क्योंकि इंसान माफ़ कर सकता है इंसान के गुनाहों को पर ईश्वर से बचकर जाने का कोई रास्ता अभी तक बना नहीं। वह इंसाफ करता है वह इंसाफ करेगा क्योंकि जितना पवित्र विश्वास था तुम पर उतनी ही अटूट मेरी आस्था है उस पर। लेखक -श्रवण शर्मा
    Like
    1
    0 Comments 0 Shares 459 Views 0 Reviews
  • #ContenTip - Groups are like properties - they are meant to create content - could be a video series, a podcast series or a meme series.
    If the group is closed, it is admin's right or will to allow non-participating, non-committed users to be a part of it.
    Some groups are for creating collaborative content and then make it sale-able to clients. These groups are not projects, while the group meant to create properties are projects.
    #ContenTip - Groups are like properties - they are meant to create content - could be a video series, a podcast series or a meme series. If the group is closed, it is admin's right or will to allow non-participating, non-committed users to be a part of it. Some groups are for creating collaborative content and then make it sale-able to clients. These groups are not projects, while the group meant to create properties are projects.
    Love
    Like
    5
    2 Comments 0 Shares 1828 Views 0 Reviews