आज दोस्तों बात करते हैं एक ऐसी शख़्सियत के बारे में जो मौज़ूदा समय के सबसे शक्तिशाली देश संयुक्त राज्य अमेरिका का निवासी था और उसे लड़ना पड़ा अपनों से अपनों के लिए। जी हाँ हम बात कर रहे हैं थॉमस मोंटगोमरी ग्रेगरी (Thomas Montgomery Gregory) की। थॉमस ग्रेगरी एक प्रसिद्ध नाटककार, इतिहासकार, शिक्षक, दार्शनिक, सामाजिक कार्यकर्ता और राष्ट्रीय अश्वेत थिएटर आंदोलन को आगे बढ़ाने वाले व्यक्ति थे।
थॉमस ग्रेगरी के समय अमेरिका में नस्लवाद बहुत ही हावी था और अश्वेत लोगों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार अपने चरम पर था इसीलिए ग्रेगरी ने अपने शरुआती जीवन में ही यह मन बना लिया था कि अपनी कला का उपयोग अश्वेत लोगों के सामाजिक परिवर्तन के लिए करना है। उन्होंने अपनी कला के द्वारा हासिल उपलब्धि “रेस इन आर्ट” के माध्यम से अश्वेतों के के सशक्तिकरण को नई दिशा दी जो द सिटीजन नामक पत्रिका में उनके द्वारा लिखे गए एक लेख से पता चलता है। जिसे थॉमस ग्रेगरी के अन्य सहयोगियों जॉर्ज डब्ल्यू एलिस , विलियम स्टेनली ब्रेथवेट एवं चार्ल्स एफ लेन द्वारा प्रकाशित किया गया।
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थॉमस ग्रेगरी के समय अमेरिका में नस्लवाद बहुत ही हावी था और अश्वेत लोगों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार अपने चरम पर था इसीलिए ग्रेगरी ने अपने शरुआती जीवन में ही यह मन बना लिया था कि अपनी कला का उपयोग अश्वेत लोगों के सामाजिक परिवर्तन के लिए करना है। उन्होंने अपनी कला के द्वारा हासिल उपलब्धि “रेस इन आर्ट” के माध्यम से अश्वेतों के के सशक्तिकरण को नई दिशा दी जो द सिटीजन नामक पत्रिका में उनके द्वारा लिखे गए एक लेख से पता चलता है। जिसे थॉमस ग्रेगरी के अन्य सहयोगियों जॉर्ज डब्ल्यू एलिस , विलियम स्टेनली ब्रेथवेट एवं चार्ल्स एफ लेन द्वारा प्रकाशित किया गया।
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