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- Manisha Goyal
जो फ़ूल ना मिले तो कांटों से दामन सजा लिया हमने ,
अंगारों की सेज पर सोने वाले हम
अंधेरों में भी अपने हौंसले का सूरज उगा लिया हमने !!!!!Manisha Goyal जो फ़ूल ना मिले तो कांटों से दामन सजा लिया हमने , अंगारों की सेज पर सोने वाले हम अंधेरों में भी अपने हौंसले का सूरज उगा लिया हमने !!!!! - Thori funThori fun
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- मेरी गुजारिश है Bhokal Desk कि एडिटेड वॉइस क्लिप का विकल्प इसमें रखा जाना चाहिए ताकि कोई वॉइस को एडिट करके uplode करना चाहे तो कर सके। ये सारे फीचर्स इस प्लेटफॉर्म को सबसे पावरफुल बना देंगे .Sandeep Pandeyमेरी गुजारिश है [master] कि एडिटेड वॉइस क्लिप का विकल्प इसमें रखा जाना चाहिए ताकि कोई वॉइस को एडिट करके uplode करना चाहे तो कर सके। ये सारे फीचर्स इस प्लेटफॉर्म को सबसे पावरफुल बना देंगे .[AhamSandy]
- राजनीति या टुच्ची नीति..... बहन ने ही भाई को हलाल कर दिया...... बाप के होते हुए बेटों को बाप के नाम से बेदखल कर दिया...... सुना था कि बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय...... लेकिन यहां तो किसका बीज .... कौन सी खाद .... कौन सा पानी ..... कौन सा फल ...ये तो घोटाला हो गया .... सब कुछ लालच की कीचड़ में बदरंग हो गया..... ना रहा घोड़ा ना रहा हाथी .... ना ही गधा ...... चमचों के शोर में ये तो खच्चर बन गया ...... एक नई आंधी का गुबार देश के विकास रथ को रोकने को तैयार हो गया ...... दुलत्ती खाने वाले आजू बाजू बैठे हों भले ही ..... खच्चर को हांकने वाले भी मुस्तैद हैं कि जनता जाग चुकी है चाय पीकर अब ...... अब खच्चर नाही...... बुलडोजर अपना ट्रेंडी हो गया !!!!!
मनीषाराजनीति या टुच्ची नीति..... बहन ने ही भाई को हलाल कर दिया...... बाप के होते हुए बेटों को बाप के नाम से बेदखल कर दिया...... सुना था कि बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय...... लेकिन यहां तो किसका बीज .... कौन सी खाद .... कौन सा पानी ..... कौन सा फल ...ये तो घोटाला हो गया .... सब कुछ लालच की कीचड़ में बदरंग हो गया..... ना रहा घोड़ा ना रहा हाथी .... ना ही गधा ...... चमचों के शोर में ये तो खच्चर बन गया ...... एक नई आंधी का गुबार देश के विकास रथ को रोकने को तैयार हो गया ...... दुलत्ती खाने वाले आजू बाजू बैठे हों भले ही ..... खच्चर को हांकने वाले भी मुस्तैद हैं कि जनता जाग चुकी है चाय पीकर अब ...... अब खच्चर नाही...... बुलडोजर अपना ट्रेंडी हो गया !!!!! मनीषा - इस झूठी दुनिया से दूर भागता मन, खोजता है विश्रांति के पथ. पथिक बन अब भटकन से पाना चाहता है निजात. चाहता है पहुंचना मंजिल पर, अनभिज्ञ होते हुए भी. लक्ष्य निर्धारित हो तो चलना आसान हो जाता है.
भ्रम की दुनिया से मुक्ति हेतु आवश्यक है आत्ममंथन. प्रक्रिया जारी रखने हेतु आवश्यक है अपनी इन्द्रियों को अपने अन्दर समेटना. उसके लिए आवश्यक है झूठे संसार से विदा लेना. अंतर्मुखी बन जाना.
आत्मबोध की दिशा में चलने हेतु पहला कदम है यह...आश्रयस्थलियाँ महज पड़ाव हैं, मंजिल नहीं.
#vandanagupta08इस झूठी दुनिया से दूर भागता मन, खोजता है विश्रांति के पथ. पथिक बन अब भटकन से पाना चाहता है निजात. चाहता है पहुंचना मंजिल पर, अनभिज्ञ होते हुए भी. लक्ष्य निर्धारित हो तो चलना आसान हो जाता है. भ्रम की दुनिया से मुक्ति हेतु आवश्यक है आत्ममंथन. प्रक्रिया जारी रखने हेतु आवश्यक है अपनी इन्द्रियों को अपने अन्दर समेटना. उसके लिए आवश्यक है झूठे संसार से विदा लेना. अंतर्मुखी बन जाना. आत्मबोध की दिशा में चलने हेतु पहला कदम है यह...आश्रयस्थलियाँ महज पड़ाव हैं, मंजिल नहीं. #vandanagupta08 -
- Manisha Goyal
मौन का संवाद बड़ा मुखरित होता है ,
और स्वयं से मिलने का सफ़र बहुत लंबा, A Date with our inner self ...... exhilirates the heart with divinity ......
खुद में खोकर ही खुद को पा लिया !!!!!
Manisha Goyal मौन का संवाद बड़ा मुखरित होता है , और स्वयं से मिलने का सफ़र बहुत लंबा, A Date with our inner self ...... exhilirates the heart with divinity ...... खुद में खोकर ही खुद को पा लिया !!!!! -
- गुलामी के लिए कोई संघर्ष नही चाहिए लेकिन मुक्ति के लिए हमेशा संघर्ष करना होगाये किन कल्पनाओं में हो कि इधर-उधर जाकर कहीं भाग गए, छुप गए तो मुक्ति मिल जाएगी ? जिन्हें अपनी दासता बरक़रार रखनी हो, वो भले ही संघर्ष ना करें, पर जो मुक्ति के प्रार्थी हों, उनका संघर्ष के बिना कैसे काम चलेगा? उन्हें तो घोर संघर्ष करना पड़ेगा, भीतर भी और बाहर भी। अर्जुन एक-एक तीर जो चला रहा है, वो कौरवों मात्र पर नहीं चला रहा है; अर्जुन का एक-एक तीर पुराने अर्जुन पर भी चल रहा है। हर तीर के साथ...
- ये किन कल्पनाओं में हो कि इधर-उधर जाकर कहीं भाग गए, छुप गए तो मुक्ति मिल जाएगी ? जिन्हें अपनी दासता बरक़रार रखनी हो, वो भले ही संघर्ष ना करें, पर जो मुक्ति के प्रार्थी हों, उनका संघर्ष के बिना कैसे काम चलेगा? उन्हें तो घोर संघर्ष करना पड़ेगा, भीतर भी और बाहर भी। अर्जुन एक-एक तीर जो चला रहा है, वो कौरवों मात्र पर नहीं चला रहा है; अर्जुन का एक-एक तीर पुराने अर्जुन पर भी चल रहा है। हर तीर के साथ पुराना अर्जुन मिटता जा रहा है और एक नए अर्जुन का जन्म हो रहा है।
पुराना अर्जुन कौन? पुराना अर्जुन वो जो पाण्डु पुत्र था; पुराना अर्जुन वो जो भीष्म के वंश का था; पुराना अर्जुन वो जो द्रोण का शिष्य था। नया अर्जुन कौन? जो सिर्फ कृष्ण का है। ये मुक्ति है— अर्जुन स्वयं से मुक्त हो रहा है एक-एक तीर के साथ। इसको कहते हैं मुक्ति। दूसरों को नहीं मार रहा अर्जुन; दूसरों से पहले स्वयं को मार रहा है। आज पहला अध्याय पढ़ा आपने। पहले अध्याय का जो अर्जुन है, वो अट्ठारहवें अध्याय में कहीं मिलेगा? तो कहाँ गया पहले अध्याय का अर्जुन? कहाँ गया?
अट्ठारवें अध्याय तक आते-आते पहले अध्याय का अर्जुन कहाँ गया? मर गया। किसने मारा उसे? अर्जुन ने ही मारा। ये मुक्ति है। देह होकर देखोगे, स्थूल दृष्टि से देखोगे तो तुम्हें दिखाई पड़ेगा कि अर्जुन तो तीर चला रहा है दूसरों पर। वास्तव में अर्जुन तीर चला रहा है स्वयं पर। इस युद्ध को लड़ना अर्जुन की साधना भी है – वो अपने ही पूर्वग्रहों से, मोह से, बँधनों से मुक्त हुआ जा रहा है - ऐसे मिलती है मुक्ति। जीव पैदा हुए हो, बेटा। लगातार कर्म तो करना ही है। एक कर्म है तीर चलाना, एक कर्म है भाग जाना।
तुम कह रहे हो कि तीर चलाने से मुक्ति मिल गई भाग जाने से, अब भाग जाने से मुक्ति कैसे मिलेगी ? कर्म तो तुमने दोनों ही दशाओं में किया ही न। तीर चलाना एक कर्म था और मैदान से भाग जाना भी एक कर्म होता। तीर चलाने से मुक्ति मिली भाग जाने से, और अब ये जो भाग जाने का कर्म है, इससे मुक्ति कैसे मिलेगी, बोलो?
#Anand_Mishra #Motivationये किन कल्पनाओं में हो कि इधर-उधर जाकर कहीं भाग गए, छुप गए तो मुक्ति मिल जाएगी ? जिन्हें अपनी दासता बरक़रार रखनी हो, वो भले ही संघर्ष ना करें, पर जो मुक्ति के प्रार्थी हों, उनका संघर्ष के बिना कैसे काम चलेगा? उन्हें तो घोर संघर्ष करना पड़ेगा, भीतर भी और बाहर भी। अर्जुन एक-एक तीर जो चला रहा है, वो कौरवों मात्र पर नहीं चला रहा है; अर्जुन का एक-एक तीर पुराने अर्जुन पर भी चल रहा है। हर तीर के साथ पुराना अर्जुन मिटता जा रहा है और एक नए अर्जुन का जन्म हो रहा है। पुराना अर्जुन कौन? पुराना अर्जुन वो जो पाण्डु पुत्र था; पुराना अर्जुन वो जो भीष्म के वंश का था; पुराना अर्जुन वो जो द्रोण का शिष्य था। नया अर्जुन कौन? जो सिर्फ कृष्ण का है। ये मुक्ति है— अर्जुन स्वयं से मुक्त हो रहा है एक-एक तीर के साथ। इसको कहते हैं मुक्ति। दूसरों को नहीं मार रहा अर्जुन; दूसरों से पहले स्वयं को मार रहा है। आज पहला अध्याय पढ़ा आपने। पहले अध्याय का जो अर्जुन है, वो अट्ठारहवें अध्याय में कहीं मिलेगा? तो कहाँ गया पहले अध्याय का अर्जुन? कहाँ गया? अट्ठारवें अध्याय तक आते-आते पहले अध्याय का अर्जुन कहाँ गया? मर गया। किसने मारा उसे? अर्जुन ने ही मारा। ये मुक्ति है। देह होकर देखोगे, स्थूल दृष्टि से देखोगे तो तुम्हें दिखाई पड़ेगा कि अर्जुन तो तीर चला रहा है दूसरों पर। वास्तव में अर्जुन तीर चला रहा है स्वयं पर। इस युद्ध को लड़ना अर्जुन की साधना भी है – वो अपने ही पूर्वग्रहों से, मोह से, बँधनों से मुक्त हुआ जा रहा है - ऐसे मिलती है मुक्ति। जीव पैदा हुए हो, बेटा। लगातार कर्म तो करना ही है। एक कर्म है तीर चलाना, एक कर्म है भाग जाना। तुम कह रहे हो कि तीर चलाने से मुक्ति मिल गई भाग जाने से, अब भाग जाने से मुक्ति कैसे मिलेगी ? कर्म तो तुमने दोनों ही दशाओं में किया ही न। तीर चलाना एक कर्म था और मैदान से भाग जाना भी एक कर्म होता। तीर चलाने से मुक्ति मिली भाग जाने से, और अब ये जो भाग जाने का कर्म है, इससे मुक्ति कैसे मिलेगी, बोलो? #Anand_Mishra #Motivation - हमारे सनातन धर्म में शुद्ध अनंत प्रेम के शाश्वत उदाहरण ....राम सीता , शिव पार्वती ..... इस संदेश के साथ कि प्रेम में हम ऊंचा उठते हैं गिरते नहीं !!!!!हमारे सनातन धर्म में शुद्ध अनंत प्रेम के शाश्वत उदाहरण ....राम सीता , शिव पार्वती ..... इस संदेश के साथ कि प्रेम में हम ऊंचा उठते हैं गिरते नहीं !!!!!
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- #ContenTip :- Unline Facebook, Bhokal is a platform where you as a creator - should try to put your best creative content forward.
Remember, we will bring brands to visit your profile based on your interest and skill. Brands are the one who would invest in our content. So unless your profile shows your best creation, you wont be able to attract them.#ContenTip :- Unline Facebook, Bhokal is a platform where you as a creator - should try to put your best creative content forward. Remember, we will bring brands to visit your profile based on your interest and skill. Brands are the one who would invest in our content. So unless your profile shows your best creation, you wont be able to attract them. - Bhokal Tips : We have a forum here, that would help you connect and share experience and expertise with other members and carry on discussions on wide range of topics related to content creation.
Check this out and let the community grow.
https://bhokal.com/forumsBhokal Tips : We have a forum here, that would help you connect and share experience and expertise with other members and carry on discussions on wide range of topics related to content creation. Check this out and let the community grow. https://bhokal.com/forums - #ContenTip : Groups are the building blocks of Bhokal.com. Unlike Facebook, groups here serve as a source of permanent income for the members.
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Once you create a group, or you be a part of a group, you start to deliver your piece of creative talent and help in bringing the idea to life.
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- Isn't it great!#ContenTip : Groups are the building blocks of Bhokal.com. Unlike Facebook, groups here serve as a source of permanent income for the members. Owning a group means, owning an intellectual property, an idea, a content promise that is bound to be focussed and periodic. Once you create a group, or you be a part of a group, you start to deliver your piece of creative talent and help in bringing the idea to life. This works as your own copyrighted material that you can share, promote and get paid for, that too lifetime. - Isn't it great! - #ContenTip : Do not just post anything. This is what makes you deprived of money. This is what is called unattented creativity. Remember, your perfection to an art is your consistencey in creating it with a planned output.
We, here at Bhokal help you gain creative freedom by allowing you to use your skill with a commitment.
Remember, content with planning and periodicity is the only key to success on social media.#ContenTip : Do not just post anything. This is what makes you deprived of money. This is what is called unattented creativity. Remember, your perfection to an art is your consistencey in creating it with a planned output. We, here at Bhokal help you gain creative freedom by allowing you to use your skill with a commitment. Remember, content with planning and periodicity is the only key to success on social media. - तेजस्वी सम्मान खोजते नहीं गोत्र बतलाके,
पाते हैं जग से प्रशस्ति अपना करतब दिखलाके|
हीन मूल की ओर देख जग गलत कहे या ठीक,वीर खींचकर ही रहते हैं इतिहासों में लीक।
~ सिंह दिनकर~तेजस्वी सम्मान खोजते नहीं गोत्र बतलाके, पाते हैं जग से प्रशस्ति अपना करतब दिखलाके| हीन मूल की ओर देख जग गलत कहे या ठीक,वीर खींचकर ही रहते हैं इतिहासों में लीक। ~ सिंह दिनकर~ -
- यूं तो तूफान से भरा ज़िंदगी का किस्सा है ,
फिर भी मेरी मुस्कराहट मेरे व्यक्तित्व का हिस्सा है ,
वक़्त ने साजिशें तो बहुत की हमें सताने की
पर नाकाम हुई हर कोशिश मेरे हौंसलों को डिगाने की !!!!!
मनीषा
स्वरचित
An Instant Poetic Replyयूं तो तूफान से भरा ज़िंदगी का किस्सा है , फिर भी मेरी मुस्कराहट मेरे व्यक्तित्व का हिस्सा है , वक़्त ने साजिशें तो बहुत की हमें सताने की पर नाकाम हुई हर कोशिश मेरे हौंसलों को डिगाने की !!!!! मनीषा स्वरचित An Instant Poetic Reply - 0 Comments 0 Shares 112 Views 0 Reviews
- पिछले चार दिन बड़ी भागदौड़ में निकले, आज सुबह (दोपहर) जब सो कर उठा तो तरह तरह (?) के वीडियो, meme और शोक संदेशों से पूरा इंटरनेट भरा पड़ा था।
सबको बांचने के बाद अंदर से एक ही आवाज आई।
" बस त्रिवेदी बचेगा "... ?पिछले चार दिन बड़ी भागदौड़ में निकले, आज सुबह (दोपहर) जब सो कर उठा तो तरह तरह (?) के वीडियो, meme और शोक संदेशों से पूरा इंटरनेट भरा पड़ा था। सबको बांचने के बाद अंदर से एक ही आवाज आई। " बस त्रिवेदी बचेगा "... ? - 0 Comments 0 Shares 158 Views 0 Reviews
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- ग्रुप्स से जुड़ने के लिए उनके विषय में जानना होगा किन्तु उन ग्रुप्स पर क्लिक कर जानना चाहते हैं तो वो लॉक्ड होते हैं. ऐसे में कैसे कोई किसी ग्रुप से जुड़ेगा?
विडियो अपलोड नहीं हो रहे, एरर बताता है. कैसे होगा उसके विषय में बताएं.
एक पॉइंट इनेबल टिप्स का शो होता है उसका क्या यूज है उसके विषय में बताएं.
ग्रुप्स से जुड़ने के लिए उनके विषय में जानना होगा किन्तु उन ग्रुप्स पर क्लिक कर जानना चाहते हैं तो वो लॉक्ड होते हैं. ऐसे में कैसे कोई किसी ग्रुप से जुड़ेगा? विडियो अपलोड नहीं हो रहे, एरर बताता है. कैसे होगा उसके विषय में बताएं. एक पॉइंट इनेबल टिप्स का शो होता है उसका क्या यूज है उसके विषय में बताएं. - हरिशंकर परसाई जो कि पक्के कबीर पंथी थे, वह बताते थे कि कबीर निश्चित ही कोई बड़े बवाली शख्सियत रहे होंगे, जिनके पास सौ - डेढ़ सौ पक्के लठैत रहे होंगे। आप उनके समकालीन कवियों के बारे में दीन दशा के वृत्तांत सुनते होंगे लेकिन ऐसा कोई वृत्तांत कबीर के बारे में कभी नहीं सुनेंगे। इससे यह धारणा पुष्ट होती है कि कबीर के पास पर्याप्त धन और संख्या बल रहा होगा जिससे वह विरोधियों को पिटवाकर दिमाग ठिकाने लगवा देते रहे होंगे।हरिशंकर परसाई जो कि पक्के कबीर पंथी थे, वह बताते थे कि कबीर निश्चित ही कोई बड़े बवाली शख्सियत रहे होंगे, जिनके पास सौ - डेढ़ सौ पक्के लठैत रहे होंगे। आप उनके समकालीन कवियों के बारे में दीन दशा के वृत्तांत सुनते होंगे लेकिन ऐसा कोई वृत्तांत कबीर के बारे में कभी नहीं सुनेंगे। इससे यह धारणा पुष्ट होती है कि कबीर के पास पर्याप्त धन और संख्या बल रहा होगा जिससे वह विरोधियों को पिटवाकर दिमाग ठिकाने लगवा देते रहे होंगे।
- #ContentTip : We are not much here on the platform, just a limited few. The content over here is not yet visible to the world outside before we open the gates and let the world in here.
So do not worry about your reach and views; just put in your best content.
You could copy and paste, from your previous work, the best of your work do be demonstrated to people, who would grant you projects, would you team you up.
and and
The best is yet to come.#ContentTip : We are not much here on the platform, just a limited few. The content over here is not yet visible to the world outside before we open the gates and let the world in here. So do not worry about your reach and views; just put in your best content. You could copy and paste, from your previous work, the best of your work do be demonstrated to people, who would grant you projects, would you team you up. and and The best is yet to come.