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    Ham kaise Apne content ko presentation mein change karne ke liye sahi companion ko find out karein
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  • आज अगर अंधेरे हैं
    कभी तो उजाले थे
    बेरंग पलों में
    स्वयं रंग भरना आना ही चाहिए
    दुखों की छाया को
    हौंसले के सूरज से हटाना चाहिए
    क्यों करे किसी सहारे की दरकार
    अपने किरदार को ही बुलंद बनाना चाहिए
    ज़िन्दगी के रण में स्वयं ही रथी और सारथी होना चाहिए
    हार और जीत तो वक़्त ही बताएगा
    हौंसले की टंकार से आसमां गूंजित होना चाहिए !!!!!

    मनीषा
    आज अगर अंधेरे हैं कभी तो उजाले थे बेरंग पलों में स्वयं रंग भरना आना ही चाहिए दुखों की छाया को हौंसले के सूरज से हटाना चाहिए क्यों करे किसी सहारे की दरकार अपने किरदार को ही बुलंद बनाना चाहिए ज़िन्दगी के रण में स्वयं ही रथी और सारथी होना चाहिए हार और जीत तो वक़्त ही बताएगा हौंसले की टंकार से आसमां गूंजित होना चाहिए !!!!! मनीषा
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  • परछाइयों से रिश्ते
    ज़िंदगी में आते
    दो पल में जैसे
    कई सदियां जी जाते ।
    मृग तृष्णा सी ज़िंदगी
    ठहरी है बस संजीदगी ।
    तन्हा तन्हा लम्हे हैं
    उलझी उलझी राहें हैं
    खोयी खोयी मंज़िल हैं ल
    सूनी सूनी आंखें हैं ।
    ज़िंदगी का ताना बाना
    ना खोना कुछ ना पाना
    बस यूं ही चलते जाना !!!!!

    Instant
    Manisha
    परछाइयों से रिश्ते ज़िंदगी में आते दो पल में जैसे कई सदियां जी जाते । मृग तृष्णा सी ज़िंदगी ठहरी है बस संजीदगी । तन्हा तन्हा लम्हे हैं उलझी उलझी राहें हैं खोयी खोयी मंज़िल हैं ल सूनी सूनी आंखें हैं । ज़िंदगी का ताना बाना ना खोना कुछ ना पाना बस यूं ही चलते जाना !!!!! Instant Manisha
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  • साहस की प्रत्यंचा से जो सत्य के बाण चलाते हैं,
    ऐसे वीरों से ही दुष्ट अधर्मी घबराते हैं ।
    जिनके सीने में राष्ट्र धर्म के अविरल दरिया बहते हैं,
    ऐसे वीरों से ही दुष्ट अधर्मी घबराते हैं ।
    अपने कर्तव्य पथ पर जो सदा आरूढ़ रहते हैं ,
    ऐसे वीरों से ही दुष्ट अधर्मी घबराते हैं।
    देश धर्म की खातिर जो जीते और लड़ते हैं,
    ऐसे वीरों से ही दुष्ट अधर्मी घबराते हैं।
    देश धर्म की रक्षा करने जो समर्पित रहते हैं,
    ऐसे वीरों से ही दुष्ट अधर्मी घबराते हैं।
    राष्ट्र धर्म के सम्मान के हेतु जो
    हर विष धारण कर जाते हैं,
    ऐसे वीरों का गान धरती अम्बर भी गाते हैं ......।


    Instant
    मनीषा
    साहस की प्रत्यंचा से जो सत्य के बाण चलाते हैं, ऐसे वीरों से ही दुष्ट अधर्मी घबराते हैं । जिनके सीने में राष्ट्र धर्म के अविरल दरिया बहते हैं, ऐसे वीरों से ही दुष्ट अधर्मी घबराते हैं । अपने कर्तव्य पथ पर जो सदा आरूढ़ रहते हैं , ऐसे वीरों से ही दुष्ट अधर्मी घबराते हैं। देश धर्म की खातिर जो जीते और लड़ते हैं, ऐसे वीरों से ही दुष्ट अधर्मी घबराते हैं। देश धर्म की रक्षा करने जो समर्पित रहते हैं, ऐसे वीरों से ही दुष्ट अधर्मी घबराते हैं। राष्ट्र धर्म के सम्मान के हेतु जो हर विष धारण कर जाते हैं, ऐसे वीरों का गान धरती अम्बर भी गाते हैं ......। Instant मनीषा
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  • एहसासों का समुंदर
    बादल , बिजली, बरसात
    ठंडी मस्त बयार
    सूरज की पहली किरण
    आसमां में फैला सिंदूरी रंग
    सिंदूरी सवेरा
    सुरमई शाम
    फूलों की शोखी
    एक मीठी ग़ज़ल
    प्रकृति का आंचल
    झरने सी चंचल
    पर्वत सी अटल
    बुलबुल की मीठी तान
    सभी तो हैं मेरे अनगिनत नाम !!!!!
    Instant
    मनीषा
    एहसासों का समुंदर बादल , बिजली, बरसात ठंडी मस्त बयार सूरज की पहली किरण आसमां में फैला सिंदूरी रंग सिंदूरी सवेरा सुरमई शाम फूलों की शोखी एक मीठी ग़ज़ल प्रकृति का आंचल झरने सी चंचल पर्वत सी अटल बुलबुल की मीठी तान सभी तो हैं मेरे अनगिनत नाम !!!!! Instant मनीषा
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  • पत्नी , क्रोध , दूध का उबाल
    देते हैं बस यही ज्ञान
    मत चूको चौहान
    सावधानी हटी दुर्घटना घटी
    जो आ गया इनमें उफान
    तो आएगा ऐसा तूफ़ान
    जीना हो जाएगा तेरा मुहाल
    जीवन बन जाएगा एक बबाल .....!!!!!

    Instant
    मनीषा
    पत्नी , क्रोध , दूध का उबाल देते हैं बस यही ज्ञान मत चूको चौहान सावधानी हटी दुर्घटना घटी जो आ गया इनमें उफान तो आएगा ऐसा तूफ़ान जीना हो जाएगा तेरा मुहाल जीवन बन जाएगा एक बबाल .....!!!!! Instant मनीषा
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  • दोस्ती का रंग बड़ा गहरा होता है,
    मन की सूनी सूखी बगिया में भी शोख़ सुर्ख गुलाब खिला देता है,
    जीवन के पतझड़ को बसंती कर देता है।
    बड़े अनमोल होते हैं वो दोस्त
    जो जीवन के बोझिल अंधेरों में
    अपने शब्दों के जादू से दिल को
    खिलखिलाहटों से झंकृत कर देते हैं.........
    ये कहकर कि...." ऐसे ही हंसते हुए रहा करो तुम ...... तुम हंसते हुए ही बड़े अच्छे लगते हो....."
    ये जादुई शब्द निकाल लाते हैं ज़िंदगी को .....
    ग़म के गहरे समुंदर से ....
    और भोले बच्चे सा ये दिल....भर जाता है उजाले की एक नई किरण से.....
    और ये किरण हरा देती है ज़िन्दगी के गहरे तमस को ....

    एक बार फिर से जीना सिखाकर
    विजेता की तरह से........!!!!!

    मनीषा
    दोस्ती का रंग बड़ा गहरा होता है, मन की सूनी सूखी बगिया में भी शोख़ सुर्ख गुलाब खिला देता है, जीवन के पतझड़ को बसंती कर देता है। बड़े अनमोल होते हैं वो दोस्त जो जीवन के बोझिल अंधेरों में अपने शब्दों के जादू से दिल को खिलखिलाहटों से झंकृत कर देते हैं......... ये कहकर कि...." ऐसे ही हंसते हुए रहा करो तुम ...... तुम हंसते हुए ही बड़े अच्छे लगते हो....." ये जादुई शब्द निकाल लाते हैं ज़िंदगी को ..... ग़म के गहरे समुंदर से .... और भोले बच्चे सा ये दिल....भर जाता है उजाले की एक नई किरण से..... और ये किरण हरा देती है ज़िन्दगी के गहरे तमस को .... एक बार फिर से जीना सिखाकर विजेता की तरह से........!!!!! मनीषा
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  • ये जो आजकल के छोटे छोटे नेता और पत्तलकार जो जरा सी राजनैतिक सीलन या दलदल होते ही पनपने लगते हैं और भिन भिन करते हुए मासूम लोगों का ख़ून पीते हैं , डंक मारते हैं और समाज और देश को रुग्ण बनाते हैं इन पर ब्लैक हिट का छिड़काव जनहित और राष्ट्रहित में ज़रूरी है.... क्यूंकि ये इतने बे..... गैरत और बे..... शरम हैं कि कुख्यात अपराधियों के मरने पर भी रूदाली रुंदन करते हैं.... अजगर और कोबरा भी इनके आगे फेल हैं...... कद इनका बहुत छोटा ...... लेकिन इनके लालच का पेट बहुत बड़ा....... अपने लालच में ये लोगों का पास्ट , प्रेजेन्ट और फ्यूचर सब कुछ निगल जाए ......!!!!!!

    Manisha
    ये जो आजकल के छोटे छोटे नेता और पत्तलकार जो जरा सी राजनैतिक सीलन या दलदल होते ही पनपने लगते हैं और भिन भिन करते हुए मासूम लोगों का ख़ून पीते हैं , डंक मारते हैं और समाज और देश को रुग्ण बनाते हैं इन पर ब्लैक हिट का छिड़काव जनहित और राष्ट्रहित में ज़रूरी है.... क्यूंकि ये इतने बे..... गैरत और बे..... शरम हैं कि कुख्यात अपराधियों के मरने पर भी रूदाली रुंदन करते हैं.... अजगर और कोबरा भी इनके आगे फेल हैं...... कद इनका बहुत छोटा ...... लेकिन इनके लालच का पेट बहुत बड़ा....... अपने लालच में ये लोगों का पास्ट , प्रेजेन्ट और फ्यूचर सब कुछ निगल जाए ......!!!!!! Manisha
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  • यूं तो तूफान से भरा ज़िंदगी का किस्सा है ,
    फिर भी मेरी मुस्कराहट मेरे व्यक्तित्व का हिस्सा है ,
    वक़्त ने साजिशें तो बहुत की हमें सताने की
    पर नाकाम हुई हर कोशिश मेरे हौंसलों को डिगाने की !!!!!

    मनीषा
    स्वरचित
    An Instant Poetic Reply
    यूं तो तूफान से भरा ज़िंदगी का किस्सा है , फिर भी मेरी मुस्कराहट मेरे व्यक्तित्व का हिस्सा है , वक़्त ने साजिशें तो बहुत की हमें सताने की पर नाकाम हुई हर कोशिश मेरे हौंसलों को डिगाने की !!!!! मनीषा स्वरचित An Instant Poetic Reply
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  • हमारे सनातन धर्म में शुद्ध अनंत प्रेम के शाश्वत उदाहरण ....राम सीता , शिव पार्वती ..... इस संदेश के साथ कि प्रेम में हम ऊंचा उठते हैं गिरते नहीं !!!!!
    हमारे सनातन धर्म में शुद्ध अनंत प्रेम के शाश्वत उदाहरण ....राम सीता , शिव पार्वती ..... इस संदेश के साथ कि प्रेम में हम ऊंचा उठते हैं गिरते नहीं !!!!!
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  • Manisha Goyal
    मौन का संवाद बड़ा मुखरित होता है ,
    और स्वयं से मिलने का सफ़र बहुत लंबा, A Date with our inner self ...... exhilirates the heart with divinity ......

    खुद में खोकर ही खुद को पा लिया !!!!!
    Manisha Goyal मौन का संवाद बड़ा मुखरित होता है , और स्वयं से मिलने का सफ़र बहुत लंबा, A Date with our inner self ...... exhilirates the heart with divinity ...... खुद में खोकर ही खुद को पा लिया !!!!!
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  • राजनीति या टुच्ची नीति..... बहन ने ही भाई को हलाल कर दिया...... बाप के होते हुए बेटों को बाप के नाम से बेदखल कर दिया...... सुना था कि बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय...... लेकिन यहां तो किसका बीज .... कौन सी खाद .... कौन सा पानी ..... कौन सा फल ...ये तो घोटाला हो गया .... सब कुछ लालच की कीचड़ में बदरंग हो गया..... ना रहा घोड़ा ना रहा हाथी .... ना ही गधा ...... चमचों के शोर में ये तो खच्चर बन गया ...... एक नई आंधी का गुबार देश के विकास रथ को रोकने को तैयार हो गया ...... दुलत्ती खाने वाले आजू बाजू बैठे हों भले ही ..... खच्चर को हांकने वाले भी मुस्तैद हैं कि जनता जाग चुकी है चाय पीकर अब ...... अब खच्चर नाही...... बुलडोजर अपना ट्रेंडी हो गया !!!!!

    मनीषा
    राजनीति या टुच्ची नीति..... बहन ने ही भाई को हलाल कर दिया...... बाप के होते हुए बेटों को बाप के नाम से बेदखल कर दिया...... सुना था कि बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय...... लेकिन यहां तो किसका बीज .... कौन सी खाद .... कौन सा पानी ..... कौन सा फल ...ये तो घोटाला हो गया .... सब कुछ लालच की कीचड़ में बदरंग हो गया..... ना रहा घोड़ा ना रहा हाथी .... ना ही गधा ...... चमचों के शोर में ये तो खच्चर बन गया ...... एक नई आंधी का गुबार देश के विकास रथ को रोकने को तैयार हो गया ...... दुलत्ती खाने वाले आजू बाजू बैठे हों भले ही ..... खच्चर को हांकने वाले भी मुस्तैद हैं कि जनता जाग चुकी है चाय पीकर अब ...... अब खच्चर नाही...... बुलडोजर अपना ट्रेंडी हो गया !!!!! मनीषा
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  • Manisha Goyal
    जो फ़ूल ना मिले तो कांटों से दामन सजा लिया हमने ,
    अंगारों की सेज पर सोने वाले हम
    अंधेरों में भी अपने हौंसले का सूरज उगा लिया हमने !!!!!
    Manisha Goyal जो फ़ूल ना मिले तो कांटों से दामन सजा लिया हमने , अंगारों की सेज पर सोने वाले हम अंधेरों में भी अपने हौंसले का सूरज उगा लिया हमने !!!!!
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  • Manisha Goyal
    अंधेरों और उजालों की इस लुकाछिपी का नाम ही ज़िंदगी...... निराशा के बादल ज़िंदगी के आकाश में नृत्य करते हैं कभी ...... और कभी आशा की उजली किरण चमकती है ..... धूप छांव का ये कारवां बस यूं ही चलता रहता है ज़िंदगी के अंतिम अध्याय तक.......!!!!!
    Manisha Goyal अंधेरों और उजालों की इस लुकाछिपी का नाम ही ज़िंदगी...... निराशा के बादल ज़िंदगी के आकाश में नृत्य करते हैं कभी ...... और कभी आशा की उजली किरण चमकती है ..... धूप छांव का ये कारवां बस यूं ही चलता रहता है ज़िंदगी के अंतिम अध्याय तक.......!!!!!
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  • Mai nadi si chanchal itraati , ithlati
    Apni lahron se jeewan sangit gunjit karti
    Ufanti aakash ka abhinandan karti
    Bahti thi apni dhun mein
    Lekin
    Shahron ke dayron ne
    Logon ki sankeern maansikta ne
    Baandh diya mere veg ko
    Cheen li meri alhad muskan
    Meri almast chanchalta
    Meri masoomiyat par uthaye anginat sawal
    Aur Sarswati si Mai thahar gayi ho gayi lupt
    Ab nahi paoge tum mujhe kabhi apne saath
    Ab sirf simat kar rah gayi apne udgam sthan
    Jahan aaj bhi mai bah rahi apne prachand pravaah ke saath
    Tanha , khamosh Prakarti ke aanchal mein
    Ishwar ke dham
    Jo kabhi nahi karte mujhse koi sawal
    Nahi uthate mere astitv aur mere charitr par koi sawal
    Nahi miloongi mai ab kabhi tumhe
    Jeewan ke kisi maud par yadi milna chaho to
    Aana hoga tumhe mere udgam sthan
    Par suno mera jal ab chanchal aur meetha nahi raha kyunki usme ab samahit ho chuki hai mere ashkon ki jheel !!!!!!!!
    Mai nadi si chanchal itraati , ithlati Apni lahron se jeewan sangit gunjit karti Ufanti aakash ka abhinandan karti Bahti thi apni dhun mein Lekin Shahron ke dayron ne Logon ki sankeern maansikta ne Baandh diya mere veg ko Cheen li meri alhad muskan Meri almast chanchalta Meri masoomiyat par uthaye anginat sawal Aur Sarswati si Mai thahar gayi ho gayi lupt Ab nahi paoge tum mujhe kabhi apne saath Ab sirf simat kar rah gayi apne udgam sthan Jahan aaj bhi mai bah rahi apne prachand pravaah ke saath Tanha , khamosh Prakarti ke aanchal mein Ishwar ke dham Jo kabhi nahi karte mujhse koi sawal Nahi uthate mere astitv aur mere charitr par koi sawal Nahi miloongi mai ab kabhi tumhe Jeewan ke kisi maud par yadi milna chaho to Aana hoga tumhe mere udgam sthan Par suno mera jal ab chanchal aur meetha nahi raha kyunki usme ab samahit ho chuki hai mere ashkon ki jheel !!!!!!!!
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  • अल्फ़ाज़ ही दिल का लिबास
    दायरे बनाते हैं दरमियान
    या दिल में बनाते हैं आशियां
    अल्फ़ाज़ ही हैं इंसान की पहचान !!!!!
    अल्फ़ाज़ ही दिल का लिबास दायरे बनाते हैं दरमियान या दिल में बनाते हैं आशियां अल्फ़ाज़ ही हैं इंसान की पहचान !!!!!
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  • ज़मीं पर हो पैर
    जीने के लिए
    हकीक़त से रूबरू हो
    ये सपने
    जो बुने हैं भविष्य
    के अपने !
    ज़मीं पर हो पैर जीने के लिए हकीक़त से रूबरू हो ये सपने जो बुने हैं भविष्य के अपने !
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  • ख़्वाब और हक़ीक़त
    ज़मीं आसमां से
    इनायत अजियत
    हैं पैंतरे वक़्त के
    ख़्वाब और हक़ीक़त ज़मीं आसमां से इनायत अजियत हैं पैंतरे वक़्त के
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