• मुझे आशा है कि आप अच्छा कर रहे हैं और सब कुछ ठीक होगा। इसके साथ ही, आपके अवलोकन के लिए मैंने उद्योग विभाग, बिहार सरकार ने उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने हेतु बिहार स्टार्टअप पालिसी -2022 की शुरुवात किया है जो आपके जानकारी हेतु संलग्नित है। बिहार के औद्योगिक विकास हेतु स्टार्ट-अप और उद्यमियों को सक्षम बनाना हैं।
    समावेशी विकास के लिए अनुकूल स्टार्ट-अप और पारिस्थितिकी तंत्र के माध्यम से स्थानीय युवाओं में बिहार में उद्योग और व्यापार का सृजन हेतु जागरूकता लाना है।

    इसका मुख्य उद्देश्य बिहार के युवाओं को उद्योग और स्वरोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ाना है। बिहार स्टार्ट-अप पॉलिसी-2022 के अंतर्गत सीड फंड के रूप में 10 साल के लिए 10 लाख रुपये की राशि 0% ब्याज पर देने का प्रावधान है। महिला उद्यमियों के स्टार्टअप को सीड फंड के रूप में 10 लाख रुपये की जगह 10 लाख 50 हजार रुपये मिलेंगे यानी 5% ज्यादा। एससी, एसएटी और दिव्यांगजनों को सीड फंड 11 लाख 50 हजार रुपये अर्थात 15% अधिक राशि मिलेगी। बिहार स्टार्ट-अप नीति- 2022 का लाभ लेने के लिए ऑन-लाइन आवेदन करने से पहले आवेदक निम्नलिखित विवरण/दस्तावेज/सूचना अपने पास तैयार होना चाहिए
    1. वैध ई-मेल आईडी (ई-मेल कम से कम 1 वर्ष के लिए वैध होना चाहिए)
    2. आधार से लिंक्ड मोबाइल नंबर
    3. पासपोर्ट आकार का फोटो
    4.आधार कार्ड और पैन कार्ड की छायाप्रति
    5 जाति प्रमाण पत्र की छायाप्रति (सामान्य वर्ग के लिए आवश्यक नहीं)
    6.शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र की छायाप्रति
    7.इकाई के प्रमाण की छायाप्रति (यदि इकाई पंजीकृत है)
    8. बैलेंस शीट की छायाप्रति
    9. पूर्ण विवरण के साथ भरे गए और हस्ताक्षरित प्रारूप की छायाप्रति

    यह योजना बिहार में आपके उत्पाद व्यवसाय के लिए एक सकारात्मक आशा पैदा कर सकता है। यह पहल आपको अपने व्यवसाय/सेवाओं के लिए बिजनेस लीड जनरेशन और मार्केटिंग के अवसर सृजन करने में मदद कर सकता है। जिससे बिहार के लिए कुछ रोजगार सृजन और राजस्व में वृद्धि होगा। राज्य के युवा योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

    ऑनलाइन आवेदन URL: https://startup.indbih.com

    मुझे आशा है कि आप अच्छा कर रहे हैं और सब कुछ ठीक होगा। इसके साथ ही, आपके अवलोकन के लिए मैंने उद्योग विभाग, बिहार सरकार ने उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने हेतु बिहार स्टार्टअप पालिसी -2022 की शुरुवात किया है जो आपके जानकारी हेतु संलग्नित है। बिहार के औद्योगिक विकास हेतु स्टार्ट-अप और उद्यमियों को सक्षम बनाना हैं। समावेशी विकास के लिए अनुकूल स्टार्ट-अप और पारिस्थितिकी तंत्र के माध्यम से स्थानीय युवाओं में बिहार में उद्योग और व्यापार का सृजन हेतु जागरूकता लाना है। इसका मुख्य उद्देश्य बिहार के युवाओं को उद्योग और स्वरोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ाना है। बिहार स्टार्ट-अप पॉलिसी-2022 के अंतर्गत सीड फंड के रूप में 10 साल के लिए 10 लाख रुपये की राशि 0% ब्याज पर देने का प्रावधान है। महिला उद्यमियों के स्टार्टअप को सीड फंड के रूप में 10 लाख रुपये की जगह 10 लाख 50 हजार रुपये मिलेंगे यानी 5% ज्यादा। एससी, एसएटी और दिव्यांगजनों को सीड फंड 11 लाख 50 हजार रुपये अर्थात 15% अधिक राशि मिलेगी। बिहार स्टार्ट-अप नीति- 2022 का लाभ लेने के लिए ऑन-लाइन आवेदन करने से पहले आवेदक निम्नलिखित विवरण/दस्तावेज/सूचना अपने पास तैयार होना चाहिए 1. वैध ई-मेल आईडी (ई-मेल कम से कम 1 वर्ष के लिए वैध होना चाहिए) 2. आधार से लिंक्ड मोबाइल नंबर 3. पासपोर्ट आकार का फोटो 4.आधार कार्ड और पैन कार्ड की छायाप्रति 5 जाति प्रमाण पत्र की छायाप्रति (सामान्य वर्ग के लिए आवश्यक नहीं) 6.शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र की छायाप्रति 7.इकाई के प्रमाण की छायाप्रति (यदि इकाई पंजीकृत है) 8. बैलेंस शीट की छायाप्रति 9. पूर्ण विवरण के साथ भरे गए और हस्ताक्षरित प्रारूप की छायाप्रति यह योजना बिहार में आपके उत्पाद व्यवसाय के लिए एक सकारात्मक आशा पैदा कर सकता है। यह पहल आपको अपने व्यवसाय/सेवाओं के लिए बिजनेस लीड जनरेशन और मार्केटिंग के अवसर सृजन करने में मदद कर सकता है। जिससे बिहार के लिए कुछ रोजगार सृजन और राजस्व में वृद्धि होगा। राज्य के युवा योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन URL: https://startup.indbih.com
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  • यह साझा करते हुए खुशी हो रही है कि सूक्ष्म , लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार पैदा करने स्टार्ट-अप को सशक्त बनाने के लिए वित्तीय और व्यावसायिक सहायता प्रदान करने हेतु प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना(पीएमईजीपी) संचालित कर रही है। यह योजना "स्थानीय लोगों के लिए वोकल्स" और आत्मनिर्भर भारत को सशक्त बनाने पर केंद्रित है। यह योजना राष्ट्रीय स्तर पर नोडल एजेंसी के रूप में कार्यरत खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) द्वारा कार्यान्वित की जाती है। राज्य स्तर पर, योजना राज्य केवीआईसी निदेशालयों, राज्य खादी और ग्रामोद्योग बोर्डों (केवीआईबी), जिला उद्योग केंद्रों (डीआईसी) और बैंकों के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है। ऐसे मामलों में केवीआईसी लाभार्थियों/उद्यमियों को सीधे उनके बैंक खातों में सीधे संवितरण के लिए नामित बैंकों के माध्यम से सरकारी सब्सिडी देता है। इस योजना में निर्माण क्षेत्र में अनुमेय परियोजना/इकाई की अधिकतम लागत ₹ 25 लाख तथा व्यवसाय/सेवा क्षेत्र में ₹ 10 लाख है। पीएमईजीपी के तहत लाभार्थी की सब्सिडी की दर (परियोजना लागत की) क्षेत्र (परियोजना/इकाई का स्थान) सामान्य श्रेणी 15% (शहरी), 25% (ग्रामीण), विशेष 25% (शहरी), 35% (ग्रामीण)(अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक/महिलाएं, भूतपूर्व सैनिक, शारीरिक रूप से विकलांग, एनईआर, पहाड़ी और सीमावर्ती क्षेत्रों आदि सहित)
    परियोजना की कुल लागत की शेष राशि बैंकों द्वारा सावधि ऋण एवं कार्य के रूप में प्रदान की जाती है।

    इस योजना का लाभ उठाने के लिए 18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति हो सकता है। विनिर्माण क्षेत्र में 10 लाख रुपये और 10 लाख रुपये रुपये से अधिक की लागत वाली परियोजनाओं के लिए कम से कम आठवीं कक्षा पास होना चाहिए। व्यवसाय / सेवा क्षेत्र में 5 लाख। पीएमईजीपी के तहत मंजूरी के लिए केवल नई परियोजनाओं पर विचार किया जाता है। स्वयं सहायता समूह (बीपीएल से संबंधित लोगों सहित, बशर्ते कि उन्होंने किसी अन्य योजना के तहत लाभ नहीं लिया हो), सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत संस्थान; उत्पादन सहकारी समितियां और धर्मार्थ ट्रस्ट भी आवेदन के पात्र हैं।

    आवेदन यूआरएल: https://www.kviconline.gov.in/pmegpeportal/jsp/pmegponline.jsp

    आवेदन दिशानिर्देश:
    https://www.kviconline.gov.in/pmegpeportal/dashboard/notification/PMEGP_Guidelines_Certified_2022_3.pdf
    यह साझा करते हुए खुशी हो रही है कि सूक्ष्म , लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार पैदा करने स्टार्ट-अप को सशक्त बनाने के लिए वित्तीय और व्यावसायिक सहायता प्रदान करने हेतु प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना(पीएमईजीपी) संचालित कर रही है। यह योजना "स्थानीय लोगों के लिए वोकल्स" और आत्मनिर्भर भारत को सशक्त बनाने पर केंद्रित है। यह योजना राष्ट्रीय स्तर पर नोडल एजेंसी के रूप में कार्यरत खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) द्वारा कार्यान्वित की जाती है। राज्य स्तर पर, योजना राज्य केवीआईसी निदेशालयों, राज्य खादी और ग्रामोद्योग बोर्डों (केवीआईबी), जिला उद्योग केंद्रों (डीआईसी) और बैंकों के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है। ऐसे मामलों में केवीआईसी लाभार्थियों/उद्यमियों को सीधे उनके बैंक खातों में सीधे संवितरण के लिए नामित बैंकों के माध्यम से सरकारी सब्सिडी देता है। इस योजना में निर्माण क्षेत्र में अनुमेय परियोजना/इकाई की अधिकतम लागत ₹ 25 लाख तथा व्यवसाय/सेवा क्षेत्र में ₹ 10 लाख है। पीएमईजीपी के तहत लाभार्थी की सब्सिडी की दर (परियोजना लागत की) क्षेत्र (परियोजना/इकाई का स्थान) सामान्य श्रेणी 15% (शहरी), 25% (ग्रामीण), विशेष 25% (शहरी), 35% (ग्रामीण)(अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक/महिलाएं, भूतपूर्व सैनिक, शारीरिक रूप से विकलांग, एनईआर, पहाड़ी और सीमावर्ती क्षेत्रों आदि सहित) परियोजना की कुल लागत की शेष राशि बैंकों द्वारा सावधि ऋण एवं कार्य के रूप में प्रदान की जाती है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए 18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति हो सकता है। विनिर्माण क्षेत्र में 10 लाख रुपये और 10 लाख रुपये रुपये से अधिक की लागत वाली परियोजनाओं के लिए कम से कम आठवीं कक्षा पास होना चाहिए। व्यवसाय / सेवा क्षेत्र में 5 लाख। पीएमईजीपी के तहत मंजूरी के लिए केवल नई परियोजनाओं पर विचार किया जाता है। स्वयं सहायता समूह (बीपीएल से संबंधित लोगों सहित, बशर्ते कि उन्होंने किसी अन्य योजना के तहत लाभ नहीं लिया हो), सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत संस्थान; उत्पादन सहकारी समितियां और धर्मार्थ ट्रस्ट भी आवेदन के पात्र हैं। आवेदन यूआरएल: https://www.kviconline.gov.in/pmegpeportal/jsp/pmegponline.jsp आवेदन दिशानिर्देश: https://www.kviconline.gov.in/pmegpeportal/dashboard/notification/PMEGP_Guidelines_Certified_2022_3.pdf
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  • मुझे आशा है कि आप अच्छा कर रहे हैं और सब कुछ ठीक होगा। इसके साथ ही, आपके अवलोकन के लिए मैंने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, बिहार सरकार द्वारा उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने हेतु बिहार आईटी पालिसी-2024 की साझा किया है जो आपके जानकारी हेतु संलग्नित है। बिहार के औद्योगिक विकास हेतु स्टार्ट-अप और उद्यमियों को सक्षम बनाना हैं। समावेशी विकास के लिए अनुकूल स्टार्ट-अप और पारिस्थितिकी तंत्र के माध्यम से स्थानीय युवाओं में बिहार में उद्योग और व्यापार का सृजन हेतु जागरूकता लाना है।इसका मुख्य उद्देश्य बिहार के युवाओं को उद्योग और स्वरोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ाना है। बिहार आईटी पालिसी-2024 समावेशी सामाजिक-आर्थिक विकास और लाभकारी रोजगार सृजन के लिए राज्य के आईटी/आईटीईएस और ईएसडीएम उद्योग को विकसित करना और औद्योगिक निवेश के लिए एक सक्षम वातावरण प्रदान करता है।अनुकूल औद्योगिक माहौल, उद्योग-अनुकूल स्थिर नीतियां, और प्रतिस्पर्धी दरों पर उपलब्ध एक बड़ा प्रौद्योगिकी प्रतिभा पूल सुनिश्चित करके बिहार को देश में आईटी/आईटीईएस और ईएसडीएम कंपनियों के लिए अग्रणी निवेश स्थलों में से एक के रूप में बढ़ावा देना।

    IT Policy 2024 URL: tinyurl.com/5p6jyar
    मुझे आशा है कि आप अच्छा कर रहे हैं और सब कुछ ठीक होगा। इसके साथ ही, आपके अवलोकन के लिए मैंने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, बिहार सरकार द्वारा उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने हेतु बिहार आईटी पालिसी-2024 की साझा किया है जो आपके जानकारी हेतु संलग्नित है। बिहार के औद्योगिक विकास हेतु स्टार्ट-अप और उद्यमियों को सक्षम बनाना हैं। समावेशी विकास के लिए अनुकूल स्टार्ट-अप और पारिस्थितिकी तंत्र के माध्यम से स्थानीय युवाओं में बिहार में उद्योग और व्यापार का सृजन हेतु जागरूकता लाना है।इसका मुख्य उद्देश्य बिहार के युवाओं को उद्योग और स्वरोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ाना है। बिहार आईटी पालिसी-2024 समावेशी सामाजिक-आर्थिक विकास और लाभकारी रोजगार सृजन के लिए राज्य के आईटी/आईटीईएस और ईएसडीएम उद्योग को विकसित करना और औद्योगिक निवेश के लिए एक सक्षम वातावरण प्रदान करता है।अनुकूल औद्योगिक माहौल, उद्योग-अनुकूल स्थिर नीतियां, और प्रतिस्पर्धी दरों पर उपलब्ध एक बड़ा प्रौद्योगिकी प्रतिभा पूल सुनिश्चित करके बिहार को देश में आईटी/आईटीईएस और ईएसडीएम कंपनियों के लिए अग्रणी निवेश स्थलों में से एक के रूप में बढ़ावा देना। IT Policy 2024 URL: tinyurl.com/5p6jyar
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  • भौकाल के नए लुक और फीचर्स कैसे लगे आपको? ये सब कुछ हमने आपकी सोच और पसंद को ध्यान में रखकर बनाया है। भौकाल की छोटी सी टीम आपको इस नए अवतार की बधाई देती है। उम्मीद है इस साल हम बीटा फेज से बाहर आकर आधिकारिक लॉन्च की ओर बढ़ेंगे। आपके फीडबैक की प्रतीक्षा में .. ( आपको पोल के आखिर में प्रश्न वाचक चिन्ह होने का मतलब कॉमेंट करने का अनुरोध समझना है )

    ..
    ..
    इस नए लेआउट को परखने के लिए आपके पास चार सुझाव हैं: आपके फीडबैक का इंतज़ार रहेगा...जय भौकाल!"
    भौकाल के नए लुक और फीचर्स कैसे लगे आपको? ये सब कुछ हमने आपकी सोच और पसंद को ध्यान में रखकर बनाया है। भौकाल की छोटी सी टीम आपको इस नए अवतार की बधाई देती है। उम्मीद है इस साल हम बीटा फेज से बाहर आकर आधिकारिक लॉन्च की ओर बढ़ेंगे। आपके फीडबैक की प्रतीक्षा में .. ( आपको पोल के आखिर में प्रश्न वाचक चिन्ह होने का मतलब कॉमेंट करने का अनुरोध समझना है ) .. .. इस नए लेआउट को परखने के लिए आपके पास चार सुझाव हैं: आपके फीडबैक का इंतज़ार रहेगा...जय भौकाल!"
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  • सर्दियों में अंजीर के सेवन से होने वाले फायदों की खोज में, #WellnessWisdom का ये मंत्र ...अंजीर का .. जो है जंजीर जितना तगड़ा... अंजीर न सिर्फ स्वाद में लाजवाब होते हैं, बल्कि इनके सेहत से जुड़े लाभ भी अनेक हैं। डाइट्री फाइबर से भरपूर अंजीर पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं, कब्ज और अन्य पेट संबंधी समस्याओं को दूर करते हैं। इसमें मौजूद कैल्शियम हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है, और आयरन की प्रचुर मात्रा खून की कमी और एनीमिया से बचाव करती है। अंजीर का सेवन रक्तचाप को संतुलित रखने और इम्यूनिटी बढ़ाने में भी सहायक है। इस तरह अंजीर न केवल एक स्वादिष्ट विकल्प है बल्कि आपकी सर्दियों की सेहत का रखवाला भी है।
    #WellnessWisdom
    #AnjeerBenefits
    #WinterHealth
    #NutritionalRichness
    #HealthyLifestyle
    सर्दियों में अंजीर के सेवन से होने वाले फायदों की खोज में, #WellnessWisdom का ये मंत्र ...अंजीर का .. जो है जंजीर जितना तगड़ा... अंजीर न सिर्फ स्वाद में लाजवाब होते हैं, बल्कि इनके सेहत से जुड़े लाभ भी अनेक हैं। डाइट्री फाइबर से भरपूर अंजीर पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं, कब्ज और अन्य पेट संबंधी समस्याओं को दूर करते हैं। इसमें मौजूद कैल्शियम हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है, और आयरन की प्रचुर मात्रा खून की कमी और एनीमिया से बचाव करती है। अंजीर का सेवन रक्तचाप को संतुलित रखने और इम्यूनिटी बढ़ाने में भी सहायक है। इस तरह अंजीर न केवल एक स्वादिष्ट विकल्प है बल्कि आपकी सर्दियों की सेहत का रखवाला भी है। #WellnessWisdom #AnjeerBenefits #WinterHealth #NutritionalRichness #HealthyLifestyle
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  • नवरात्रि की पहली रात, माँ शैलपुत्री के आशीर्वाद और अनंत भक्ति के संग। इस अद्भुत पर्व की शुरुआत में, हम सभी को एक नई ऊर्जा और शक्ति मिलती है। आइए, हम सभी मिलकर इस अद्भुत पर्व को मनाएं और माँ दुर्गा से आशीर्वाद प्राप्त करें। ?

    #नवरात्रि2023
    #MaaShailputri
    #नवरात्रिकीशुरुआत
    #BhaktiKiRaas
    #अनंतभक्ति
    #नवरात्रिBlessings
    #NavratriDay1
    #DurgaPuja2023
    #DivineBeginnings
    #SpiritualAwakening
    नवरात्रि की पहली रात, माँ शैलपुत्री के आशीर्वाद और अनंत भक्ति के संग। इस अद्भुत पर्व की शुरुआत में, हम सभी को एक नई ऊर्जा और शक्ति मिलती है। आइए, हम सभी मिलकर इस अद्भुत पर्व को मनाएं और माँ दुर्गा से आशीर्वाद प्राप्त करें। ? #नवरात्रि2023 #MaaShailputri #नवरात्रिकीशुरुआत #BhaktiKiRaas #अनंतभक्ति #नवरात्रिBlessings #NavratriDay1 #DurgaPuja2023 #DivineBeginnings #SpiritualAwakening
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  • आज दोस्तों बात करते हैं एक ऐसी शख़्सियत के बारे में जो मौज़ूदा समय के सबसे शक्तिशाली देश संयुक्त राज्य अमेरिका का निवासी था और उसे लड़ना पड़ा अपनों से अपनों के लिए। जी हाँ हम बात कर रहे हैं थॉमस मोंटगोमरी ग्रेगरी (Thomas Montgomery Gregory) की। थॉमस ग्रेगरी एक प्रसिद्ध नाटककार, इतिहासकार, शिक्षक, दार्शनिक, सामाजिक कार्यकर्ता और राष्ट्रीय अश्वेत थिएटर आंदोलन को आगे बढ़ाने वाले व्यक्ति थे।

    थॉमस ग्रेगरी के समय अमेरिका में नस्लवाद बहुत ही हावी था और अश्वेत लोगों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार अपने चरम पर था इसीलिए ग्रेगरी ने अपने शरुआती जीवन में ही यह मन बना लिया था कि अपनी कला का उपयोग अश्वेत लोगों के सामाजिक परिवर्तन के लिए करना है। उन्होंने अपनी कला के द्वारा हासिल उपलब्धि “रेस इन आर्ट” के माध्यम से अश्वेतों के के सशक्तिकरण को नई दिशा दी जो द सिटीजन नामक पत्रिका में उनके द्वारा लिखे गए एक लेख से पता चलता है। जिसे थॉमस ग्रेगरी के अन्य सहयोगियों जॉर्ज डब्ल्यू एलिस , विलियम स्टेनली ब्रेथवेट एवं चार्ल्स एफ लेन द्वारा प्रकाशित किया गया।

    पूरा क़िस्सा पढ़ने के लिए लॉगिन कीजिये - www.ninetv.in
    #ninetv
    आज दोस्तों बात करते हैं एक ऐसी शख़्सियत के बारे में जो मौज़ूदा समय के सबसे शक्तिशाली देश संयुक्त राज्य अमेरिका का निवासी था और उसे लड़ना पड़ा अपनों से अपनों के लिए। जी हाँ हम बात कर रहे हैं थॉमस मोंटगोमरी ग्रेगरी (Thomas Montgomery Gregory) की। थॉमस ग्रेगरी एक प्रसिद्ध नाटककार, इतिहासकार, शिक्षक, दार्शनिक, सामाजिक कार्यकर्ता और राष्ट्रीय अश्वेत थिएटर आंदोलन को आगे बढ़ाने वाले व्यक्ति थे। थॉमस ग्रेगरी के समय अमेरिका में नस्लवाद बहुत ही हावी था और अश्वेत लोगों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार अपने चरम पर था इसीलिए ग्रेगरी ने अपने शरुआती जीवन में ही यह मन बना लिया था कि अपनी कला का उपयोग अश्वेत लोगों के सामाजिक परिवर्तन के लिए करना है। उन्होंने अपनी कला के द्वारा हासिल उपलब्धि “रेस इन आर्ट” के माध्यम से अश्वेतों के के सशक्तिकरण को नई दिशा दी जो द सिटीजन नामक पत्रिका में उनके द्वारा लिखे गए एक लेख से पता चलता है। जिसे थॉमस ग्रेगरी के अन्य सहयोगियों जॉर्ज डब्ल्यू एलिस , विलियम स्टेनली ब्रेथवेट एवं चार्ल्स एफ लेन द्वारा प्रकाशित किया गया। पूरा क़िस्सा पढ़ने के लिए लॉगिन कीजिये - www.ninetv.in #ninetv
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  • 8 अक्टूबर, रविवार को पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है। ज्योतिष में इसे रवि पुष्य योग कहा जाता है। इस योग में खरीदारी और अन्य शुभ काम करने से उनका फायदा मिलेगा। नवरात्र से पहले आने वाला ये रवि पुष्य संयोग पूरे दिन रहेगा। फिर दीपावली से पहले 5 नवंबर को रवि पुष्य योग बनेगा।

    ऐसी स्थिति साल में चार-पांच बार ही बनती है, इसलिए हर तरह के शुभ काम और नए काम की शुरुआत के लिए 8 तारीख को बन रहा शुभ संयोग बहुत ही खास रहेगा। इस शुभ संयोग में किए गए लेन-देन, निवेश, खरीदारी और शुरू किए काम से धन लाभ होता है।

    #ninetv

    8 अक्टूबर, रविवार को पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है। ज्योतिष में इसे रवि पुष्य योग कहा जाता है। इस योग में खरीदारी और अन्य शुभ काम करने से उनका फायदा मिलेगा। नवरात्र से पहले आने वाला ये रवि पुष्य संयोग पूरे दिन रहेगा। फिर दीपावली से पहले 5 नवंबर को रवि पुष्य योग बनेगा। ऐसी स्थिति साल में चार-पांच बार ही बनती है, इसलिए हर तरह के शुभ काम और नए काम की शुरुआत के लिए 8 तारीख को बन रहा शुभ संयोग बहुत ही खास रहेगा। इस शुभ संयोग में किए गए लेन-देन, निवेश, खरीदारी और शुरू किए काम से धन लाभ होता है। #ninetv
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  • बिहार के सरकारी स्कूलों का संघर्ष:

    भारत के बिहार में सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता का मुद्दा कई कारकों के साथ एक जटिल और बहुआयामी समस्या है। यहां कुछ प्रमुख कारण बताए गए हैं कि क्यों बिहार में सरकारी स्कूलों में अच्छी शिक्षा प्रदान करने को लेकर ऐतिहासिक संघर्ष रहा है:

    1. बुनियादी ढाँचा और सुविधाएँ: बिहार के कई सरकारी स्कूलों में कक्षाओं, पुस्तकालयों और स्वच्छता सुविधाओं सहित उचित बुनियादी ढाँचे का अभाव है। इससे सीखने का माहौल बाधित होता है और छात्र और शिक्षक दोनों हतोत्साहित होते हैं।

    2. योग्य शिक्षकों की कमी: बिहार में योग्य और प्रशिक्षित शिक्षकों की काफी कमी रही है। भर्ती प्रक्रिया और शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों को चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जिसके कारण कुशल शिक्षकों की कमी हो गई है।

    3. शिक्षक की अनुपस्थिति: जब शिक्षक उपस्थित होते हैं, तब भी अनुपस्थिति एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। कुछ शिक्षक अन्य नौकरियों में संलग्न होने या अपने कर्तव्यों की उपेक्षा करने के लिए जाने जाते हैं, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होती है।

    4. संसाधनों की कमी: सरकारी स्कूलों में अक्सर आवश्यक शिक्षण सामग्री, पाठ्यपुस्तकों और प्रौद्योगिकी का अभाव होता है। इससे सर्वांगीण एवं आधुनिक शिक्षा प्रदान करना कठिन हो जाता है।

    5. पाठ्यक्रम और शिक्षाशास्त्र: सरकारी स्कूलों में पाठ्यक्रम और शिक्षण विधियाँ अद्यतन या प्रभावी नहीं हो सकती हैं। इसके लिए अधिक छात्र-केंद्रित और इंटरैक्टिव शिक्षण दृष्टिकोण की आवश्यकता है।

    6. सामाजिक-आर्थिक कारक: बिहार में कई छात्र आर्थिक रूप से वंचित पृष्ठभूमि से आते हैं। गरीबी, उचित पोषण तक पहुंच की कमी और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उनकी प्रभावी ढंग से सीखने की क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं।

    7. नौकरशाही बाधाएँ: बिहार में शिक्षा प्रणाली नौकरशाही लालफीताशाही से ग्रस्त हो सकती है, जो निर्णय लेने की प्रक्रियाओं को धीमा कर सकती है और सुधारों में बाधा डाल सकती है।

    8. राजनीतिक हस्तक्षेप: राजनीति कभी-कभी स्कूलों के कामकाज में हस्तक्षेप कर सकती है, जिससे शिक्षकों की नियुक्ति और संसाधनों के आवंटन पर असर पड़ता है।

    9. कम जवाबदेही: शिक्षा प्रणाली में जवाबदेही की कमी से भ्रष्टाचार और धन का दुरुपयोग हो सकता है, जिससे संसाधनों का उपयोग शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार से दूर हो सकता है।

    10. सांस्कृतिक कारक: शिक्षा के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण और लैंगिक पूर्वाग्रह भी एक भूमिका निभा सकते हैं। कुछ क्षेत्रों में, लड़कियों को अपनी शिक्षा तक पहुँचने और उसे जारी रखने में अतिरिक्त चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

    इन मुद्दों के समाधान और बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता है। इसमें बुनियादी ढांचे, शिक्षक प्रशिक्षण, पाठ्यक्रम सुधार, बेहतर प्रशासन और सामुदायिक भागीदारी में निवेश शामिल हो सकता है। इसके अतिरिक्त, शिक्षा प्रणाली में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए निगरानी और मूल्यांकन तंत्र मौजूद होना चाहिए।
    बिहार के सरकारी स्कूलों का संघर्ष: भारत के बिहार में सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता का मुद्दा कई कारकों के साथ एक जटिल और बहुआयामी समस्या है। यहां कुछ प्रमुख कारण बताए गए हैं कि क्यों बिहार में सरकारी स्कूलों में अच्छी शिक्षा प्रदान करने को लेकर ऐतिहासिक संघर्ष रहा है: 1. बुनियादी ढाँचा और सुविधाएँ: बिहार के कई सरकारी स्कूलों में कक्षाओं, पुस्तकालयों और स्वच्छता सुविधाओं सहित उचित बुनियादी ढाँचे का अभाव है। इससे सीखने का माहौल बाधित होता है और छात्र और शिक्षक दोनों हतोत्साहित होते हैं। 2. योग्य शिक्षकों की कमी: बिहार में योग्य और प्रशिक्षित शिक्षकों की काफी कमी रही है। भर्ती प्रक्रिया और शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों को चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जिसके कारण कुशल शिक्षकों की कमी हो गई है। 3. शिक्षक की अनुपस्थिति: जब शिक्षक उपस्थित होते हैं, तब भी अनुपस्थिति एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। कुछ शिक्षक अन्य नौकरियों में संलग्न होने या अपने कर्तव्यों की उपेक्षा करने के लिए जाने जाते हैं, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होती है। 4. संसाधनों की कमी: सरकारी स्कूलों में अक्सर आवश्यक शिक्षण सामग्री, पाठ्यपुस्तकों और प्रौद्योगिकी का अभाव होता है। इससे सर्वांगीण एवं आधुनिक शिक्षा प्रदान करना कठिन हो जाता है। 5. पाठ्यक्रम और शिक्षाशास्त्र: सरकारी स्कूलों में पाठ्यक्रम और शिक्षण विधियाँ अद्यतन या प्रभावी नहीं हो सकती हैं। इसके लिए अधिक छात्र-केंद्रित और इंटरैक्टिव शिक्षण दृष्टिकोण की आवश्यकता है। 6. सामाजिक-आर्थिक कारक: बिहार में कई छात्र आर्थिक रूप से वंचित पृष्ठभूमि से आते हैं। गरीबी, उचित पोषण तक पहुंच की कमी और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उनकी प्रभावी ढंग से सीखने की क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं। 7. नौकरशाही बाधाएँ: बिहार में शिक्षा प्रणाली नौकरशाही लालफीताशाही से ग्रस्त हो सकती है, जो निर्णय लेने की प्रक्रियाओं को धीमा कर सकती है और सुधारों में बाधा डाल सकती है। 8. राजनीतिक हस्तक्षेप: राजनीति कभी-कभी स्कूलों के कामकाज में हस्तक्षेप कर सकती है, जिससे शिक्षकों की नियुक्ति और संसाधनों के आवंटन पर असर पड़ता है। 9. कम जवाबदेही: शिक्षा प्रणाली में जवाबदेही की कमी से भ्रष्टाचार और धन का दुरुपयोग हो सकता है, जिससे संसाधनों का उपयोग शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार से दूर हो सकता है। 10. सांस्कृतिक कारक: शिक्षा के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण और लैंगिक पूर्वाग्रह भी एक भूमिका निभा सकते हैं। कुछ क्षेत्रों में, लड़कियों को अपनी शिक्षा तक पहुँचने और उसे जारी रखने में अतिरिक्त चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इन मुद्दों के समाधान और बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता है। इसमें बुनियादी ढांचे, शिक्षक प्रशिक्षण, पाठ्यक्रम सुधार, बेहतर प्रशासन और सामुदायिक भागीदारी में निवेश शामिल हो सकता है। इसके अतिरिक्त, शिक्षा प्रणाली में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए निगरानी और मूल्यांकन तंत्र मौजूद होना चाहिए।
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  • ये कहावत तो सुनी होगी न
    पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय।

    अब इसका अर्थ भी सरल तरीक़े से समझो
    जग भर को तो ज्ञान है, किसको नहीं ज्ञान है। घर-घर में वेद -पुराण रखी हुई हैं, बाइबल-क़ुरआन रखी हुई हैं। ज्ञान किसको नहीं है! काम किसके आ रहा है? काम उसके आएगा जिसके दिल में प्रेम है। उसके ज्ञान काम आ जाएगा।

    साहिब ने आगे भी बात की है। उन्होंने कहा है कि ज्ञान तुम्हारे पास नहीं भी हो, पर अगर प्रेम है तो चल पड़ोगे और धीरे-धीरे ज्ञान आता जाएगा। पूछ लोगे, इससे पूछ लोगे, उससे पूछ लोगे; कुछ अनुभव से आएगा, कुछ ध्यान से आएगा।
    #AnandMishra #PowerCapsule #Motivation
    ये कहावत तो सुनी होगी न पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय। अब इसका अर्थ भी सरल तरीक़े से समझो जग भर को तो ज्ञान है, किसको नहीं ज्ञान है। घर-घर में वेद -पुराण रखी हुई हैं, बाइबल-क़ुरआन रखी हुई हैं। ज्ञान किसको नहीं है! काम किसके आ रहा है? काम उसके आएगा जिसके दिल में प्रेम है। उसके ज्ञान काम आ जाएगा। साहिब ने आगे भी बात की है। उन्होंने कहा है कि ज्ञान तुम्हारे पास नहीं भी हो, पर अगर प्रेम है तो चल पड़ोगे और धीरे-धीरे ज्ञान आता जाएगा। पूछ लोगे, इससे पूछ लोगे, उससे पूछ लोगे; कुछ अनुभव से आएगा, कुछ ध्यान से आएगा। #AnandMishra #PowerCapsule #Motivation
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  • एहसासों का समुंदर
    बादल , बिजली, बरसात
    ठंडी मस्त बयार
    सूरज की पहली किरण
    आसमां में फैला सिंदूरी रंग
    सिंदूरी सवेरा
    सुरमई शाम
    फूलों की शोखी
    एक मीठी ग़ज़ल
    प्रकृति का आंचल
    झरने सी चंचल
    पर्वत सी अटल
    बुलबुल की मीठी तान
    सभी तो हैं मेरे अनगिनत नाम !!!!!
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    मनीषा
    एहसासों का समुंदर बादल , बिजली, बरसात ठंडी मस्त बयार सूरज की पहली किरण आसमां में फैला सिंदूरी रंग सिंदूरी सवेरा सुरमई शाम फूलों की शोखी एक मीठी ग़ज़ल प्रकृति का आंचल झरने सी चंचल पर्वत सी अटल बुलबुल की मीठी तान सभी तो हैं मेरे अनगिनत नाम !!!!! Instant मनीषा
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  • दोस्ती का रंग बड़ा गहरा होता है,
    मन की सूनी सूखी बगिया में भी शोख़ सुर्ख गुलाब खिला देता है,
    जीवन के पतझड़ को बसंती कर देता है।
    बड़े अनमोल होते हैं वो दोस्त
    जो जीवन के बोझिल अंधेरों में
    अपने शब्दों के जादू से दिल को
    खिलखिलाहटों से झंकृत कर देते हैं.........
    ये कहकर कि...." ऐसे ही हंसते हुए रहा करो तुम ...... तुम हंसते हुए ही बड़े अच्छे लगते हो....."
    ये जादुई शब्द निकाल लाते हैं ज़िंदगी को .....
    ग़म के गहरे समुंदर से ....
    और भोले बच्चे सा ये दिल....भर जाता है उजाले की एक नई किरण से.....
    और ये किरण हरा देती है ज़िन्दगी के गहरे तमस को ....

    एक बार फिर से जीना सिखाकर
    विजेता की तरह से........!!!!!

    मनीषा
    दोस्ती का रंग बड़ा गहरा होता है, मन की सूनी सूखी बगिया में भी शोख़ सुर्ख गुलाब खिला देता है, जीवन के पतझड़ को बसंती कर देता है। बड़े अनमोल होते हैं वो दोस्त जो जीवन के बोझिल अंधेरों में अपने शब्दों के जादू से दिल को खिलखिलाहटों से झंकृत कर देते हैं......... ये कहकर कि...." ऐसे ही हंसते हुए रहा करो तुम ...... तुम हंसते हुए ही बड़े अच्छे लगते हो....." ये जादुई शब्द निकाल लाते हैं ज़िंदगी को ..... ग़म के गहरे समुंदर से .... और भोले बच्चे सा ये दिल....भर जाता है उजाले की एक नई किरण से..... और ये किरण हरा देती है ज़िन्दगी के गहरे तमस को .... एक बार फिर से जीना सिखाकर विजेता की तरह से........!!!!! मनीषा
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