दोस्ती का रंग बड़ा गहरा होता है,
मन की सूनी सूखी बगिया में भी शोख़ सुर्ख गुलाब खिला देता है,
जीवन के पतझड़ को बसंती कर देता है।
बड़े अनमोल होते हैं वो दोस्त
जो जीवन के बोझिल अंधेरों में
अपने शब्दों के जादू से दिल को
खिलखिलाहटों से झंकृत कर देते हैं.........
ये कहकर कि...." ऐसे ही हंसते हुए रहा करो तुम ...... तुम हंसते हुए ही बड़े अच्छे लगते हो....."
ये जादुई शब्द निकाल लाते हैं ज़िंदगी को .....
ग़म के गहरे समुंदर से ....
और भोले बच्चे सा ये दिल....भर जाता है उजाले की एक नई किरण से.....
और ये किरण हरा देती है ज़िन्दगी के गहरे तमस को ....
एक बार फिर से जीना सिखाकर
विजेता की तरह से........!!!!!
मनीषा
मन की सूनी सूखी बगिया में भी शोख़ सुर्ख गुलाब खिला देता है,
जीवन के पतझड़ को बसंती कर देता है।
बड़े अनमोल होते हैं वो दोस्त
जो जीवन के बोझिल अंधेरों में
अपने शब्दों के जादू से दिल को
खिलखिलाहटों से झंकृत कर देते हैं.........
ये कहकर कि...." ऐसे ही हंसते हुए रहा करो तुम ...... तुम हंसते हुए ही बड़े अच्छे लगते हो....."
ये जादुई शब्द निकाल लाते हैं ज़िंदगी को .....
ग़म के गहरे समुंदर से ....
और भोले बच्चे सा ये दिल....भर जाता है उजाले की एक नई किरण से.....
और ये किरण हरा देती है ज़िन्दगी के गहरे तमस को ....
एक बार फिर से जीना सिखाकर
विजेता की तरह से........!!!!!
मनीषा
दोस्ती का रंग बड़ा गहरा होता है,
मन की सूनी सूखी बगिया में भी शोख़ सुर्ख गुलाब खिला देता है,
जीवन के पतझड़ को बसंती कर देता है।
बड़े अनमोल होते हैं वो दोस्त
जो जीवन के बोझिल अंधेरों में
अपने शब्दों के जादू से दिल को
खिलखिलाहटों से झंकृत कर देते हैं.........
ये कहकर कि...." ऐसे ही हंसते हुए रहा करो तुम ...... तुम हंसते हुए ही बड़े अच्छे लगते हो....."
ये जादुई शब्द निकाल लाते हैं ज़िंदगी को .....
ग़म के गहरे समुंदर से ....
और भोले बच्चे सा ये दिल....भर जाता है उजाले की एक नई किरण से.....
और ये किरण हरा देती है ज़िन्दगी के गहरे तमस को ....
एक बार फिर से जीना सिखाकर
विजेता की तरह से........!!!!!
मनीषा