·321 Views
-
- मतलब हद है स्कूल में दखला के नाम पे भी फर्जी गिरी चालू हो गया और ये कौन लोग हैं जो ऐसे फर्जीयों के पास जाते हैं?
पटना पुलिस ने एक बड़े फर्जीवाड़ा का खुलासा किया है। दीघा पुलिस ने पटना के पाटलिपुत्र इलाके से एक युवक को गिरफ्तार किया है। युवक पटना के प्रतिष्ठित सेंट माइकल स्कूल में एडमिशन कराने के नाम पर कई लोगों से पैसा लेकर फरार चल रहा था। यूवक का नाम रोहित कुमार है। रोहित को उसके पाटलिपुत्र स्थित घर से गिरफ्तार किया गया। जो जो लोग इस फर्जीवाड़ा का शिकार हुए हैं उनसे निवेदन है की मेहनत करना सिखाइये बच्चों। अभी से पीछे का रास्ता और कोने का रास्ता दिखाइएगा तो आगे चल के बच्चा का भविष्य फेरा में पड़ जाएगा। भितरमपुर में अगर नहीं चाहते हैं के आपके बच्चा का फ्यूचर जाए तो ऐसी चीज़ो से बचें। बने रहिए भोकाल के साथमतलब हद है स्कूल में दखला के नाम पे भी फर्जी गिरी चालू हो गया और ये कौन लोग हैं जो ऐसे फर्जीयों के पास जाते हैं? पटना पुलिस ने एक बड़े फर्जीवाड़ा का खुलासा किया है। दीघा पुलिस ने पटना के पाटलिपुत्र इलाके से एक युवक को गिरफ्तार किया है। युवक पटना के प्रतिष्ठित सेंट माइकल स्कूल में एडमिशन कराने के नाम पर कई लोगों से पैसा लेकर फरार चल रहा था। यूवक का नाम रोहित कुमार है। रोहित को उसके पाटलिपुत्र स्थित घर से गिरफ्तार किया गया। जो जो लोग इस फर्जीवाड़ा का शिकार हुए हैं उनसे निवेदन है की मेहनत करना सिखाइये बच्चों। अभी से पीछे का रास्ता और कोने का रास्ता दिखाइएगा तो आगे चल के बच्चा का भविष्य फेरा में पड़ जाएगा। भितरमपुर में अगर नहीं चाहते हैं के आपके बच्चा का फ्यूचर जाए तो ऐसी चीज़ो से बचें। बने रहिए भोकाल के साथ·251 Views - दुनिया के इकलौते शाकाहारी मगरमच्छ अब हमारे बीच नहीं रही । 70 साल से यह मगरमच्छ कासरगोड जिले के श्रीअनंतपद्मनाभस्वामी मंदिर की झील में रह रहा था। यह अनंतपुरा झील में रहा करता था और वहां रह कर मंदिर की रखवाली करता था । पुजारियों ने हिंदू रीति-रिवाज से मगरमच्छ की अंतिम यात्रा निकाली और परिसर के पास ही उसे दफना दिया। मगरमछ पर बहुत सारे मुहावरे हैं , मगरमछ के आंसू आदि और मगरमछ की छवि काफी ख़राब है लेकिन मगरमछ अगर अच्छा हो तो उसको भी इज़्ज़त मिलती है और ये उदाहरण काफी है इंसानो के लिए। आप का रूप आपकी इज़्ज़त नहीं बनाता आपका बर्ताव बनाता है।
इस दुनिया में आज भी बहुत लोग हैं जो चुप रहते हैं तोह बड़े अचे लगते हैं और जहाँ मुँह खोला वहीँ गलीच बन जाते हैं। इसीलिए स्वाभाव अच्छा रखें दुनिया आपको प्यार और सम्मान दोनों ही देगी। बने रहिए भोकाल के साथ।दुनिया के इकलौते शाकाहारी मगरमच्छ अब हमारे बीच नहीं रही । 70 साल से यह मगरमच्छ कासरगोड जिले के श्रीअनंतपद्मनाभस्वामी मंदिर की झील में रह रहा था। यह अनंतपुरा झील में रहा करता था और वहां रह कर मंदिर की रखवाली करता था । पुजारियों ने हिंदू रीति-रिवाज से मगरमच्छ की अंतिम यात्रा निकाली और परिसर के पास ही उसे दफना दिया। मगरमछ पर बहुत सारे मुहावरे हैं , मगरमछ के आंसू आदि और मगरमछ की छवि काफी ख़राब है लेकिन मगरमछ अगर अच्छा हो तो उसको भी इज़्ज़त मिलती है और ये उदाहरण काफी है इंसानो के लिए। आप का रूप आपकी इज़्ज़त नहीं बनाता आपका बर्ताव बनाता है। इस दुनिया में आज भी बहुत लोग हैं जो चुप रहते हैं तोह बड़े अचे लगते हैं और जहाँ मुँह खोला वहीँ गलीच बन जाते हैं। इसीलिए स्वाभाव अच्छा रखें दुनिया आपको प्यार और सम्मान दोनों ही देगी। बने रहिए भोकाल के साथ।·246 Views - पि.के नापेंगे 3500 की मि. अरे भैया हम फिल्म वाले पि के की बात नहीं कर रहे ये हैं रियल लाइफ पि.के यानि प्रियांशु किशोर।
अन्ना आंदोलन से नायक बनकर निकले अरविंद केजरीवाल और उनके साथ राजनीति के नए चेहरे सत्ता में आए। यह फॉर्मूला इतना हिट हुआ कि जब प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति में फिर अपना मुकाम देखने लगे तो उनके साथ युवाओं की फौज भी नेता बनने के सपने देखने लगी है। पि.के नपेंगे 3500 की मि की दुरी दावा है कि हर पंचायत, कस्बा और शहर में जाकर लोगों से मिलेंगे। यात्रा सवा साल से लेकर डेढ़ साल तक चल सकती है। अरे भाई कोई नया फार्मूला लाओ आज कल वैसे भी फिल्म के सीक्वल नहीं चलते फिर राजनीती में कैसे चलेंगे।
नया लाओ कुछ क्युकी जनता भी अब बोर हो गई है। लेकिन पि.के भैया आपको शुभकामनाएं।
पि.के नापेंगे 3500 की मि. अरे भैया हम फिल्म वाले पि के की बात नहीं कर रहे ये हैं रियल लाइफ पि.के यानि प्रियांशु किशोर। अन्ना आंदोलन से नायक बनकर निकले अरविंद केजरीवाल और उनके साथ राजनीति के नए चेहरे सत्ता में आए। यह फॉर्मूला इतना हिट हुआ कि जब प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति में फिर अपना मुकाम देखने लगे तो उनके साथ युवाओं की फौज भी नेता बनने के सपने देखने लगी है। पि.के नपेंगे 3500 की मि की दुरी दावा है कि हर पंचायत, कस्बा और शहर में जाकर लोगों से मिलेंगे। यात्रा सवा साल से लेकर डेढ़ साल तक चल सकती है। अरे भाई कोई नया फार्मूला लाओ आज कल वैसे भी फिल्म के सीक्वल नहीं चलते फिर राजनीती में कैसे चलेंगे। नया लाओ कुछ क्युकी जनता भी अब बोर हो गई है। लेकिन पि.के भैया आपको शुभकामनाएं।·247 Views
More Stories