ये सेमि फाइनल में हार का दौर ख़तम क्यों नहीं होता बे !!! 2014 से हम सिर्फ सेमि फाइनल हारते जा रहे हैं .
एक बार फिर हम लोग सेमि फाइनल में हार चुके हैं, हम तो हारे माही आ रे .अब तो सच में ऐसा ही लग रहा है की माही को बुलाना ही होगा तभी जा के कुछ हो पाएगा . अनहोनी को जो होनी कर दे उसका नाम था धोनी और धोनी के जाने के बाद सिर्फ अनहोनी ही हो रही है. होनी का तो नामो निशाँ मिट गया है .
भारत की हार ने हर क्रिकेट प्रेमियों का दिल तोड़ दिया है हिंदुस्तान में कोई ठीक से खाना नहीं खा रहा कोई गर्लफ्रेंड से झगड़ा कर रहा और तो और कोई कोई ट्रॉमा में भी जा चूका है .
एक ही तो दिल है हमारा कितनी बार तोड़ोगे. विराट कोहली ने अपना पूरा योग्यदान दिया लेकिन पता नहीं हमारे कप्तान साहब को क्या हो गया है, आज - कल बड़ी जल्दी में रहते हैं .अगर आपकी टीम में के.एल राहुल हैं तो इसका मतलब ये है की आपका एक विकेट कम है . इनकी इस परफॉरमेंस को देख के ये लगता है की शेट्टी साहब भी अब सोच में पड  गए होंगे की इनको दामाद बनाए की नहीं.
चाहे जो भी जीत हो या चाहे हार बुरा तो लगता है लेकिन फिर भी हम हमारी टीम के साथ हमेशा खड़े हैं . क्यों की जो काबिलियत हमारे टीम में है वो बाकी टीम में नहीं, हाँ थोड़ा दर्द हुआ पर चलता है . इंडिया इंडिया !!! चक दे इंडिया .