इंडिया गेट  को राष्ट्रपति भवन से जोड़ती एक सड़क जो रिपब्लिक डे से लेकर लोगों के पिकनिक के लिये फवेरेट स्पॉट रही है। जनवरी 2021 में इस सड़क और आसपास के एरिया का रिडेवलपमेंट  शुरू हुआ और करीब उन्नीस महीने बाद यह इलाका अपने नए रूप में बनकर तैयार है। गुरुवार 8 सितंबर को pm मोदी ने  इसका उदघाटन करेंगे और 9 सितम्बर से इसे जनता के लिए खोल दिया जाएगा तो आइए आज हम आपको बताते हैं इस 111 साल पुराने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट और इसके रिडेवलपमेंट की पुरानी कहानी।


 कहानी शुरु होती है उन्नीस सौ ग्यारह में, जब बंगाल में बढ़ते विरोध के बीच british राज शाह किंग जोंर्ज़ पंचम ने भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली shift करने का ऐलान किया।  राजधानी केलिए सेंट्रल विस्टा बनाने कि ज़िम्मेदारी दी गयी एडविन लुटियन्स और हर्बर्ट बेकर  को जो तब के मशहूर आर्किटेक्ट हुआ करते थे।  एडविन लुटियन्स के नाम पर हीं दिल्ली के एनसीआर रिजन को लुटियन्स दिल्ली भी कहा जाता है। कहा जाता है कि इस प्रोजेक्ट में वाशिंगटन के मशहूर कैपिटल कॉम्प्लेक्स  और पेरिस के शौन्स एलिजे से प्रेरणा ली गई।  इसके बाद 1931 में  सेंट्रल विस्टा का उद्घाटन किया गया, लेकिन राजपथ  के दोनों ओर सरकारी दफ़्तर बनाने का प्लान तब भी अधूरा रहा फिर आज़ादी के बाद इस पर दोबारा काम शुरू हुआ।


बीते साल सेंट्रल विस्टा के पूरे एरिया को नये सिरे से डेवेलप करने का काम शुरू हुआ  और इस प्रोजेक्ट का नाम सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट रखा गया।  इस प्रोजेक्ट का पूरा डिज़ाइन जून 2020 में  चीफ़ आर्किटेक्ट डॉ विमल पटेल ने एक सेमिनार के दौरान शेयर किया था।

रिडेवलपमेंट  के बाद सेंट्रल विस्टा एवेन्यू बिल्कुल अलग रूप में नज़र आ रहा है।  कर्तव्य पथ  और आसपास के कंप्लीट मेकओवर की बात करें तो 74 ऐतिहासिक पोल्स और चेन  रिस्टोर की गई है,  900 से ज़्यादा लाइट पोल्स लगाई गई हैं और 100 एकड़ लॉन में नई घास लगाइ गई है, चार सौ से ज़्यादा पार्किंग बेंच लगाई गई है,  एक सौ पचास से ज़्यादा डस्ट्बिन, छह सौ पचास से ज़्यादा नई साइनेज़ और लाल बजरी की जगह पत्थर का पैदल पथ बनाया गया है।  इन सबके अलावा नहर के ऊपर 16 परमानेंट ब्रिज बनाए गए हैं, 7 नये ऑरग्नाइज्ड वेंडिंग प्लाज़ा बनाए गए हैं। ऑरिजिनल जामुन के पेड़ों को संरक्षित रखा गया है, 8 नये ब्लॉक्स बनाए गए हैं जहां टॉयलेट  और पानी कि व्यवस्था की गई है और 1117 कारों  के साथ 35 बसों के लिये पार्किंग स्पेस भी बनाया गया है।

आम जन की सुविधाओं की बात करें तो वेंडर्स  और आइस क्रीम कार्ट्स इधर उधर नहीं घूम सकेंगे, लॉन  में पिकनिक मनाना  अलाउड नहीं होगा लेकिन वहाँ वॉक करने की मनाही नहीं है।  इंडिया गेट से अमर जवान ज्योति और वॉर हेलमेट हटाया जा चुका है इसलिए अब जनता इंडिया गेट के नीचे से भी गुज़र सकेगी। 


तो अब हमें जितनी ज़रूरी बातें  पता थी वो हमने आपको बता दिया अब आप भी थोड़ा एफर्ट मारो और अपने ऑफिस से दुकान से या किसी भी काम से छुट्टी लीजिये और पहुँच जाइए सीधे दिल्ली और दीदार करिए देश के इस ऐतिहासिक और खूबसूरत धरोहर का। और हाँ वहाँ जा कर फोटो जरूर खिंचवाइए, तब हीं तो कर पाएगा हर जगह आप अपना भौकाल सेट।