ईश्वर की शपथ सदन में सब लेते है लेकिन ज़मीनी स्तर में काम करने में हिचकिचाहट कैसी.? सत्ता पक्ष हो या विपक्ष लक्ष्य सबका एक होना चाहिए ,जमकर विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली व्यवस्था, पानी,सीवर ,गंदगी आस पास की सभी समस्याओ पर शानदार नजर रखे.कोई भी अधिकारी हो उसकी व्यथा सुनकर सारे इंतजाम किए जाए.इसके बाद निश्चित ही सदन में जितनी बार आपका जाना होगा समझो फूल बरसेंगे.
वहीं जब आप सदन में अपने मुद्दे उठायेंगे तो इतनी तालियां बजेंगी कि आपका हृदय गद-गद हो जायेगा.वैसे भी जीवन में सांसे जब तक हैं तब तक ही राज करना मकसद नही होना चाहिए.इसे समाज सेवा समझ कर ही काम करना चाहिए.कामयाबी तभी होगी.हर क्षेत्रवासी,प्रदेशवासी,देशवासी गर्व से सीना चौड़ा करके कहे कि हम ऐसे क्षेत्र,प्रदेश,देश में रहते हैं जहां हर अव्यवस्था का तुरंत हल निकाला जाता है.बाकी जीवन में आना और जाना सबका लगा रहता है.आज सत्ता में हैं क्या पता कल न रहे.समय, हालात, जज़्बात, बदलते हैं लेकिन जब क्षेत्रवासी आपकी सेवा की गाथा लोगों को सुनाएंगे तब आपको एक अलग ही आत्मसुख मिलेगा.वो आत्मसुख किसी भी पद या कद से भी ऊपर होगा ।।
लेखक-शुभम अवस्थी “शुभ”
#ninetv #trending ईश्वर की शपथ सदन में सब लेते है लेकिन ज़मीनी स्तर में काम करने में हिचकिचाहट कैसी.? सत्ता पक्ष हो या विपक्ष लक्ष्य सबका एक होना चाहिए ,जमकर विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली व्यवस्था, पानी,सीवर ,गंदगी आस पास की सभी समस्याओ पर शानदार नजर रखे.कोई भी अधिकारी हो उसकी व्यथा सुनकर सारे इंतजाम किए जाए.इसके बाद निश्चित ही सदन में जितनी बार आपका जाना होगा समझो फूल बरसेंगे.
वहीं जब आप सदन में अपने मुद्दे उठायेंगे तो इतनी तालियां बजेंगी कि आपका हृदय गद-गद हो जायेगा.वैसे भी जीवन में सांसे जब तक हैं तब तक ही राज करना मकसद नही होना चाहिए.इसे समाज सेवा समझ कर ही काम करना चाहिए.कामयाबी तभी होगी.हर क्षेत्रवासी,प्रदेशवासी,देशवासी गर्व से सीना चौड़ा करके कहे कि हम ऐसे क्षेत्र,प्रदेश,देश में रहते हैं जहां हर अव्यवस्था का तुरंत हल निकाला जाता है.बाकी जीवन में आना और जाना सबका लगा रहता है.आज सत्ता में हैं क्या पता कल न रहे.समय, हालात, जज़्बात, बदलते हैं लेकिन जब क्षेत्रवासी आपकी सेवा की गाथा लोगों को सुनाएंगे तब आपको एक अलग ही आत्मसुख मिलेगा.वो आत्मसुख किसी भी पद या कद से भी ऊपर होगा ।।
लेखक-शुभम अवस्थी “शुभ”
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