गुलामी के लिए कोई संघर्ष नही चाहिए लेकिन मुक्ति के लिए हमेशा संघर्ष करना होगा ये किन कल्पनाओं में हो कि इधर-उधर जाकर कहीं भाग गए, छुप गए तो मुक्ति मिल जाएगी ? जिन्हें अपनी दासता बरक़रार रखनी हो, वो भले ही संघर्ष ना करें, पर जो मुक्ति के प्रार्थी हों, उनका संघर्ष के बिना कैसे काम चलेगा? उन्हें तो घोर संघर्ष करना पड़ेगा, भीतर भी और बाहर भी। अर्जुन एक-एक तीर जो चला रहा है, वो कौरवों मात्र पर नहीं चला रहा है; अर्जुन का एक-एक तीर पुराने अर्जुन पर भी चल रहा है। हर तीर के साथ...