Iराजनीति या टुच्ची नीति..... बहन ने ही भाई को हलाल कर दिया...... बाप के होते हुए बेटों को बाप के नाम से बेदखल कर दिया...... सुना था कि बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय...... लेकिन यहां तो किसका बीज .... कौन सी खाद .... कौन सा पानी ..... कौन सा फल ...ये तो घोटाला हो गया .... सब कुछ लालच की कीचड़ में बदरंग हो गया..... ना रहा घोड़ा ना रहा हाथी .... ना ही गधा ...... चमचों के शोर में ये तो खच्चर बन गया ...... एक नई आंधी का गुबार देश के विकास रथ को रोकने को तैयार हो गया ...... दुलत्ती खाने वाले आजू बाजू बैठे हों भले ही ..... खच्चर को हांकने वाले भी मुस्तैद हैं कि जनता जाग चुकी है चाय पीकर अब ...... अब खच्चर नाही...... बुलडोजर अपना ट्रेंडी हो गया !!!!!

मनीषा
Iराजनीति या टुच्ची नीति..... बहन ने ही भाई को हलाल कर दिया...... बाप के होते हुए बेटों को बाप के नाम से बेदखल कर दिया...... सुना था कि बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय...... लेकिन यहां तो किसका बीज .... कौन सी खाद .... कौन सा पानी ..... कौन सा फल ...ये तो घोटाला हो गया .... सब कुछ लालच की कीचड़ में बदरंग हो गया..... ना रहा घोड़ा ना रहा हाथी .... ना ही गधा ...... चमचों के शोर में ये तो खच्चर बन गया ...... एक नई आंधी का गुबार देश के विकास रथ को रोकने को तैयार हो गया ...... दुलत्ती खाने वाले आजू बाजू बैठे हों भले ही ..... खच्चर को हांकने वाले भी मुस्तैद हैं कि जनता जाग चुकी है चाय पीकर अब ...... अब खच्चर नाही...... बुलडोजर अपना ट्रेंडी हो गया !!!!! मनीषा
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