• कल तुमसे फिर मिलूंगा राधिके!
    "प्रेम प्रेम प्रेम! इस संसार मे प्रेम के अतिरिक्त भी कुछ भाव हैं राधिका, प्रेम ही सबकुछ नहीं! समाज यदि ज्ञान की असभ्य परिभाषाएं रट गया तो सभ्यता मर जाएगी। तनिक ईश्वर का स्मरण भी कर लो, तनिक ज्ञान की चर्चा भी कर लो..." उद्धव अब झल्ला गए थे।    राधिका मुस्कुराईं। कहा, "जब संसार कंस के अत्याचारों से दब कर उसे ही भगवान मानने को विवश हो गया था, तब हमने उस नन्हे से बालक में ईश्वर को उतारा...
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  • ले बासुदेव चले गोकुल को होs...
    अपने सामने ही एक एक कर अपने सात पुत्रों की हत्या देख कर टूट चुका वह पिता अपनी गोद में आठवें नवजात पुत्र को लेकर बैठा था। अल्पायु में ही वृद्ध हो चुके वसुदेव ने दृष्टि ऊपर उठाई और गरजे! मेरी तपस्या की और परीक्षा न लो ईश्वर! यदि सचमुच तुम्हारा अस्तित्व है, तो इस बच्चे को सुरक्षित गोकुल पहुँचाने की राह तुम्हे ही बनानी होगी। हे जगत पिता! इस पिता की और परीक्षा न लो... इस बच्चे की रक्षा करना मेरा...
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