कल तुमसे फिर मिलूंगा राधिके!
"प्रेम प्रेम प्रेम! इस संसार मे प्रेम के अतिरिक्त भी कुछ भाव हैं राधिका, प्रेम ही सबकुछ नहीं! समाज यदि ज्ञान की असभ्य परिभाषाएं रट गया तो सभ्यता मर जाएगी। तनिक ईश्वर का स्मरण भी कर लो, तनिक ज्ञान की चर्चा भी कर लो..." उद्धव अब झल्ला गए थे।    राधिका मुस्कुराईं। कहा, "जब संसार कंस के अत्याचारों से दब कर उसे ही भगवान मानने को विवश हो गया था, तब हमने उस नन्हे से बालक में ईश्वर को उतारा...
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