वो मेरी निगाहों मेरे दिल में धड़कती है
वही है जो सांसों की तरह मुझमें रहती है
मेरे ख्वाबों मेरी हकीकत की तरन्नुम
तुझसे ही मेरी ज़िंदगी ज़िंदगी बनती है
तू जो तय करती है सफ़र मुझमें
तुझमें ही मुझे मेरी मंज़िल मिलती है !!!!!
मनीषा
स्वरचित मौलिक
वो मेरी निगाहों मेरे दिल में धड़कती है वही है जो सांसों की तरह मुझमें रहती है मेरे ख्वाबों मेरी हकीकत की तरन्नुम तुझसे ही मेरी ज़िंदगी ज़िंदगी बनती है तू जो तय करती है सफ़र मुझमें तुझमें ही मुझे मेरी मंज़िल मिलती है !!!!! मनीषा स्वरचित मौलिक
Like
3
0 Comments 0 Shares 154 Views 0 Reviews