किस्मत की जो बातें हैं
मेहनत की बस राहें हैं
मन जो उड़ता आकाश में
थके पांव भी उड़ते उड़ानें हैं
उम्र गुज़र रही वक़्त के शज़र संग , हौंसले तो बुलंद नए परवाज़ से
कहां पत्थरों के महलों में इसके ठिकाने है इसे तो बस खुले आसमानों में अपने घर बनाने हैं
आसमानों की बुलंदियों पर भी जिसे धरती के आंचल से प्यार है , वो जहां रहे वहीं गुनगुनाते ज़िन्दगी के तराने हैं !
किस्मत की जो बातें हैं मेहनत की बस राहें हैं मन जो उड़ता आकाश में थके पांव भी उड़ते उड़ानें हैं उम्र गुज़र रही वक़्त के शज़र संग , हौंसले तो बुलंद नए परवाज़ से कहां पत्थरों के महलों में इसके ठिकाने है इसे तो बस खुले आसमानों में अपने घर बनाने हैं आसमानों की बुलंदियों पर भी जिसे धरती के आंचल से प्यार है , वो जहां रहे वहीं गुनगुनाते ज़िन्दगी के तराने हैं !
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