रमण महर्षि कह गए, “भक्ति ज्ञान की माता है। प्रेम है तो ज्ञान आ जाता है। भक्ति ज्ञान की माता है।”

प्रेम है तो धीरे-धीरे ज्ञान आ जाएगा, पर ज्ञान है तो उससे प्रेम नहीं आ जाएगा; बेटा माँ को नहीं पैदा कर देगा। हम बड़े प्रेमहीन, रूखे लोग होते है; कुछ पानी नहीं होता हस्ती में। सब बिल्कुल सूखा-सूखा। हम में से ज़्यादातर लोगों के तो आँसू भी नहीं बहते ठीक से। आँख से कुछ बह रहा है। क्या? कीचड़; आँसू नहीं।

#AnandMishra #Motivation #PowerCapsule
रमण महर्षि कह गए, “भक्ति ज्ञान की माता है। प्रेम है तो ज्ञान आ जाता है। भक्ति ज्ञान की माता है।” प्रेम है तो धीरे-धीरे ज्ञान आ जाएगा, पर ज्ञान है तो उससे प्रेम नहीं आ जाएगा; बेटा माँ को नहीं पैदा कर देगा। हम बड़े प्रेमहीन, रूखे लोग होते है; कुछ पानी नहीं होता हस्ती में। सब बिल्कुल सूखा-सूखा। हम में से ज़्यादातर लोगों के तो आँसू भी नहीं बहते ठीक से। आँख से कुछ बह रहा है। क्या? कीचड़; आँसू नहीं। #AnandMishra #Motivation #PowerCapsule
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