द्वारिका नगरी की पौराणिक कहानी
हम सभी जानते हैं कि महाभारत के युद्ध में पांडवों की विजयी हुई थी. श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को राजगद्दी पर बैठाया और राज्य से जुड़े नियम-कानून उन्हें समझाकर वे कौरवों की माता गांधारी से मिलने पहुंचे. श्रीकृष्ण के आने पर गांधारी फूट-फूटकर रोने लगीं और फिर क्रोधित होकर उन्हें शाप दिया कि जिस तरह तुमने मेरे कुल का नाश किया है, तुम्हारे कुल का अंत भी इसी तरह होगा. श्रीकृष्ण तो साक्षात भगवान थे, चाहते तो इस शाप को निष्फल कर सकते थे. लेकिन उन्होंने मनुष्य जीवन में लिए अपने जन्म का मान रखा और गांधारी को प्रणाम करके वहां से चले गए. इसी शाप के परिणाम स्वरुप एक युद्ध में सभी यदुवंशी आपस में लड़ते हुए मारे गए , बलराम और श्री कृष्ण ने भी देह त्याग किया और श्री कृष्ण के देह त्यागते ही द्वारिका समुद्र में समा गई.
हम सभी जानते हैं कि महाभारत के युद्ध में पांडवों की विजयी हुई थी. श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को राजगद्दी पर बैठाया और राज्य से जुड़े नियम-कानून उन्हें समझाकर वे कौरवों की माता गांधारी से मिलने पहुंचे. श्रीकृष्ण के आने पर गांधारी फूट-फूटकर रोने लगीं और फिर क्रोधित होकर उन्हें शाप दिया कि जिस तरह तुमने मेरे कुल का नाश किया है, तुम्हारे कुल का अंत भी इसी तरह होगा. श्रीकृष्ण तो साक्षात भगवान थे, चाहते तो इस शाप को निष्फल कर सकते थे. लेकिन उन्होंने मनुष्य जीवन में लिए अपने जन्म का मान रखा और गांधारी को प्रणाम करके वहां से चले गए. इसी शाप के परिणाम स्वरुप एक युद्ध में सभी यदुवंशी आपस में लड़ते हुए मारे गए , बलराम और श्री कृष्ण ने भी देह त्याग किया और श्री कृष्ण के देह त्यागते ही द्वारिका समुद्र में समा गई.
द्वारिका नगरी की पौराणिक कहानी
हम सभी जानते हैं कि महाभारत के युद्ध में पांडवों की विजयी हुई थी. श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को राजगद्दी पर बैठाया और राज्य से जुड़े नियम-कानून उन्हें समझाकर वे कौरवों की माता गांधारी से मिलने पहुंचे. श्रीकृष्ण के आने पर गांधारी फूट-फूटकर रोने लगीं और फिर क्रोधित होकर उन्हें शाप दिया कि जिस तरह तुमने मेरे कुल का नाश किया है, तुम्हारे कुल का अंत भी इसी तरह होगा. श्रीकृष्ण तो साक्षात भगवान थे, चाहते तो इस शाप को निष्फल कर सकते थे. लेकिन उन्होंने मनुष्य जीवन में लिए अपने जन्म का मान रखा और गांधारी को प्रणाम करके वहां से चले गए. इसी शाप के परिणाम स्वरुप एक युद्ध में सभी यदुवंशी आपस में लड़ते हुए मारे गए , बलराम और श्री कृष्ण ने भी देह त्याग किया और श्री कृष्ण के देह त्यागते ही द्वारिका समुद्र में समा गई.
0 Comments
0 Shares
509 Views
0 Reviews