कुछ लोगों की ग़लतियों को इंसान तो माफ़ कर देता है पर ईश्वर उसे नज़रंदाज़ नहीं कर पाता, यह सब जानते हुए भी वह व्यक्ति बार-बार उसी ग़लती को दोहराता है, फिर जब उसके अहम के चलते उसके पाप का घड़ा भर जाता है तब डोलता है ईश्वर का न्याय चक्र, तब किसी माफ़ीनामे की सुनवाई नहीं होती ना ही कोई सिफारिश और ना ही कोई सूरत ओहदा या चतुराई काम आती है। क्योंकि इंसान माफ़ कर सकता है इंसान के गुनाहों को पर ईश्वर से बचकर जाने का कोई रास्ता अभी तक बना नहीं। वह इंसाफ करता है वह इंसाफ करेगा क्योंकि जितना पवित्र विश्वास था तुम पर उतनी ही अटूट मेरी आस्था है उस पर।

लेखक -श्रवण शर्मा
कुछ लोगों की ग़लतियों को इंसान तो माफ़ कर देता है पर ईश्वर उसे नज़रंदाज़ नहीं कर पाता, यह सब जानते हुए भी वह व्यक्ति बार-बार उसी ग़लती को दोहराता है, फिर जब उसके अहम के चलते उसके पाप का घड़ा भर जाता है तब डोलता है ईश्वर का न्याय चक्र, तब किसी माफ़ीनामे की सुनवाई नहीं होती ना ही कोई सिफारिश और ना ही कोई सूरत ओहदा या चतुराई काम आती है। क्योंकि इंसान माफ़ कर सकता है इंसान के गुनाहों को पर ईश्वर से बचकर जाने का कोई रास्ता अभी तक बना नहीं। वह इंसाफ करता है वह इंसाफ करेगा क्योंकि जितना पवित्र विश्वास था तुम पर उतनी ही अटूट मेरी आस्था है उस पर। लेखक -श्रवण शर्मा
Like
1
0 Comments 0 Shares 462 Views 0 Reviews