मैं खामोश तन्हां
लड़ती रहूंगी अपनी ज़िन्दगी का रण
और करती रहूंगी तुम्हारा इन्तज़ार हमेशा
जानती हूं तुम कभी नहीं मिलोगे मुझे
और ना ही होगा कभी हमारा मिलन
तुम आकाश मैं धरती
रौंदा जाना और सहना ही जिसके हिस्से आया
पर तुम्हें खुश देखकर ही मुझे सुकून मिल जाता है
चाहे कुछ और हो ना हो मेरे हिस्से
पर इन फिज़ाओं में हमेशा महकेंगे तेरे मेरे खामोश किस्से
उम्मीदें तो बहुत थी
बस अब रखना छोड़ दिया है
अब खुद को मैंने ज़िन्दगी के तूफानों के हवाले कर दिया है !!!!!
मैं खामोश तन्हां लड़ती रहूंगी अपनी ज़िन्दगी का रण और करती रहूंगी तुम्हारा इन्तज़ार हमेशा जानती हूं तुम कभी नहीं मिलोगे मुझे और ना ही होगा कभी हमारा मिलन तुम आकाश मैं धरती रौंदा जाना और सहना ही जिसके हिस्से आया पर तुम्हें खुश देखकर ही मुझे सुकून मिल जाता है चाहे कुछ और हो ना हो मेरे हिस्से पर इन फिज़ाओं में हमेशा महकेंगे तेरे मेरे खामोश किस्से उम्मीदें तो बहुत थी बस अब रखना छोड़ दिया है अब खुद को मैंने ज़िन्दगी के तूफानों के हवाले कर दिया है !!!!!
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