मेरी शोखियां , मेरी आवारगी , मेरी पाकीज़गी
मेरी इबादत , मेरी शिकायतें , मेरे जज़्बात
नज़दीकियां और दूरियां , मिलना और बिछड़ना
मेरा संवरना और बिखरना
वो शिद्दत से तुझे चाहना
और तुझसे ही दूरी रखना
तेरी दीवानगी , तेरी नाराज़गी
तेरी बेरुखी , तेरे बांधे दायरे
सब कुछ तो अंदर जज़्ब कर गई मैं
महादेव की तरह पीकर विष का प्याला
मेरे दिल के अरुणोदय की लालिमा
बनाकर मुझको नीलकंठ
कर गए मुझको नि : शब्द !!!!!
मेरी शोखियां , मेरी आवारगी , मेरी पाकीज़गी मेरी इबादत , मेरी शिकायतें , मेरे जज़्बात नज़दीकियां और दूरियां , मिलना और बिछड़ना मेरा संवरना और बिखरना वो शिद्दत से तुझे चाहना और तुझसे ही दूरी रखना तेरी दीवानगी , तेरी नाराज़गी तेरी बेरुखी , तेरे बांधे दायरे सब कुछ तो अंदर जज़्ब कर गई मैं महादेव की तरह पीकर विष का प्याला मेरे दिल के अरुणोदय की लालिमा बनाकर मुझको नीलकंठ कर गए मुझको नि : शब्द !!!!!
0 Comments 0 Shares 1081 Views 0 Reviews