अंधेर नगरी चौपट राजा, टके सेर भाजी टके सेर खाजा।
विदेशो जैसा भारत में कथाओं के नायक केवल राजकुमार-राजकुमारी नहीं होते। कोई भी हो सकता है। इसलिए हमारी इस कहानी का नायक एक साधू और उसके दो चेले हैं। ये साधू महाराज और चेले जब घूमते-घूमते एक नगर में पहुंचे तो एक पेड़ के नीचे धूनी रमाई। फिर चेलों को दान में मिले पैसों में से कुछ देकर कहा कि जाओ कुछ खरीद लाओ जिससे कुछ पकाया-खाया जा सके। चेले बाजार पहुंचे तो वहाँ सब टके सेर था! एक चेला तो खाली हाथ लौट...
Like
1
0 Comments 0 Shares 4117 Views 0 Reviews