समय जो बीता तेरे साथ , था कितना स्मरणीय
बादल बिजली भी थे साथ , नज़ारा था रमणीय
दिल से दिल की चल रही थी जो बात
जीवन के ये लम्हे थे अकल्पनीय !!!!!

एक प्रयास ?
मनीषा
समय जो बीता तेरे साथ , था कितना स्मरणीय बादल बिजली भी थे साथ , नज़ारा था रमणीय दिल से दिल की चल रही थी जो बात जीवन के ये लम्हे थे अकल्पनीय !!!!! एक प्रयास ? मनीषा
0 Comments 0 Shares 303 Views 0 Reviews