ज़िंदगी के पतझड़
से हम ना डरेंगे,
उम्मीदों के दिए उदासी के तम को हरेंगे!
शाख से टूटे पत्ते, मिट्टी
में मिल, फिर गुल बनेंगे, जो बिछड़े इस जन्म, तो नए जन्म में फिर मिलेंगे ,
स्मृतियों में वो हमेशा रहेंगे !!!!!
ज़िंदगी के पतझड़ से हम ना डरेंगे, उम्मीदों के दिए उदासी के तम को हरेंगे! शाख से टूटे पत्ते, मिट्टी में मिल, फिर गुल बनेंगे, जो बिछड़े इस जन्म, तो नए जन्म में फिर मिलेंगे , स्मृतियों में वो हमेशा रहेंगे !!!!!
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