एक दिन मर जायगा कुत्ते की मौत जग में सब कहेंगे मर गया आम इंसान. आम इंसान से क्या मतलब था वो तो आप पहले वाक्य में समझ हि गए होंगे. आम इंसान आज के ज़माने में इतना आम है कि एक आम की कीमत उस आम इंसान की ज़िन्दगी से ज़्यादा है.
30 अक्टूबर 2022 को एक घटना घटी थी गुजरात में जिसमें मोरबी में माछू नदी पर बना 765 फीट लंबा और महज 4.5 फीट चौड़ा केबल सस्पेंशन ब्रिज टूट गया. 135 लोगों की मौत हो गई, इनमें से 56 बच्चे और 32 महिलाएं थी. इस घटना के 28 दिन के बाद भी अभी तक इसपे कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है. जिसपे गुजरात हाई कोर्ट ने सरकार और पुलिस को फटकारा है. इस ब्रिज को बनाने वाली कंपनी का कहना है कि ब्रिज पे हद से ज़्यादा लोड पड़ने की वजह से वो टूट गया . लगता है इंजीनियरिंग की पढ़ाई ज़रूर ऑनलाइन क्लास में की है तभी क्या बोल रहें हैं ये वो इनकी कानों में भी नहीं जा पा रहा . ब्रिज सिर्फ फोटो या रील बनाने के लिए बनायी थी क्या जिसपे सिर्फ एक-दो इंसान जा सकें और रील बना के निकल लें. बहाना बनाना भी सीख लो पहले. ब्रिज है ज़ाहिर सी बात है, एक बार में बहुत से लोग आएंगे उसपे. देश की आबादी के बारे में भी तो सोचते. 
जब तक ये लोग जनता के भरे हुए पैसों से अपनी जेब मोटी करते रहेंगे तब तक ऐसा होता रहेगा. हादसे में अनाथ हुए 7 और मां या पिता को खोने वाले 14 बच्चों के लिए सरकार ने हर महीने 3,000 रुपए मुआवजा तय किया है. लेकिन थेथरपन देखो इनका मरने वाली लिस्ट में जाती का भी कॉलम रखा गया, जिसके बारे में कोर्ट ने भी सवाल उठाए हैं. 
खैर उम्मीद यही है कि जल्द से जल्द इस घटना के कसूरवारों को डंडा किया जाए ताकि ऐसी चीज़ें आगे न हो पाएं. जुड़े रहिए भौकाल के साथ,  मोरबी ब्रिज की तरह हमसे कभी टूटिएगा मत.