शिक्षा को आज कल लोगों ने दिल्ली का सरोजिनी और पालिका बाजार बना दिया है . शिक्षा को बेशर्मों की तरह कुछ बेशर्म बेच रहे हैं  .
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि ट्यूशन फीस हमेशा कम होनी चाहिए, क्योंकि शिक्षा लाभ कमाने का कोई व्यवसाय नहीं है . ये कोई धंदा है, कोई धंदा है ये . सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल फीस बढ़ाने वाले आँध्र प्रदेश के फैसले पर पानी फेर दिया है  . साथ ही में इन पर और याचिकाकर्ता नारायण मेडिकल कॉलेज पर 5 लाख का जुरमाना भी लगया है  . वो कहते हैं न खाया पिया कुछ नहीं और गिलास तोडा 12 आना .  कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि पहले तय की गई फीस को बढ़ाकर सात गुना अधिक करना उचित नहीं है .
7 गुना !!!! मतलब बुलेट ट्रैन में बैठ के फैसला ले रहे हो क्या  . क्या चाहते हो भाई लोग जीना छोड़ दें या शॉक इ=में मर जाएं  . फिर लोगों को बचने क लिए ज़दा डॉक्टर भी नहीं बचेंगे, तुम्हारे इस फीस के वजह से छात्र कहीं मेडिकल का सपना देखना ही न छोड़ दें  . 
रहेम करो ! और शिक्षा को बेचना बंद करो . देश के को आगे बढ़ाने का सोचो न की ऐसी हरकतें करके उसको पीछे करने का  . बने रहिए भोकाल के साथ, भोकाली कायम रहे  .