बुक रिव्यू : द हीरो विथ अ थाउजेंड फेसेस
चेहरे और मुखौटों के बारे में सोचा है? अगर लिखने का शौक हो तो कभी सोचियेगा! एक व्यक्ति अलग अलग जगहों पर अलग अलग होता है। वो कार्यालय में जैसा है, घर पर वैसा नहीं होगा, दोस्तों के बीच उससे बिलकुल अलग। कभी इस बारे में सोचना हो तो किसी डॉक्टर मित्र के क्लिनिक में जा बैठिये। हर छोटे मोटे परहेज, दवाओं के समय के लिए वो जैसे मरीजों को डांट देगा, वैसा दोस्तों में करता दिखा कभी? अगर कोई पुलिसकर्मी मित्र...