पापा के परियों के नखड़े बहुत है
बात बात पे लड़ने लगती है इनके दुखड़े बहुत हैं
यू तो आए दिन लोगो के दिल तोड़ती फिरती है
एक रोज खुद का दिल टूटा तो हाथ थक गए
बिनते बिनते क्युकी जमीं पे दिल के टुकड़े बहुत है
-gauravoriginal
बात बात पे लड़ने लगती है इनके दुखड़े बहुत हैं
यू तो आए दिन लोगो के दिल तोड़ती फिरती है
एक रोज खुद का दिल टूटा तो हाथ थक गए
बिनते बिनते क्युकी जमीं पे दिल के टुकड़े बहुत है
-gauravoriginal
पापा के परियों के नखड़े बहुत है
बात बात पे लड़ने लगती है इनके दुखड़े बहुत हैं
यू तो आए दिन लोगो के दिल तोड़ती फिरती है
एक रोज खुद का दिल टूटा तो हाथ थक गए
बिनते बिनते क्युकी जमीं पे दिल के टुकड़े बहुत है
-gauravoriginal