साल 2015 बिहार राज्य का दरभंगा जिला। अपनी बोली में शहद, आँखों में नित नयी ऊँचाई छूने की चमक और उसके लिए मेहनत करने से कभी न थकने की ललक। आम जनजीवन में छोटी-मोटी तकरार; पर फिर भी बसता है दिलों नें प्यार। और इन सबसे ऊपर जो परवरदिगार ने फुरसत से नवाजी है वो है राजनीति की ब्यार।
भारतवर्ष में एक पोपुलर कहावत है कि प्यार करना है तो पंजाब चलो और राजनीति करनी हो तो बिहार। जहाँ के अर्थशास्त्र की किताब में लिखी-छपी राजनीति की बातें चाणक्य को चाणक्य बनाने में सफल होती है वहीं, उसी राजनीति के सागर का मंथन कर निकला हुआ बैंक मैनेजर माथुर साहेब का सुपुत्र रुद्र माथुर और राजनीति की रीति-रिवाज को पीढ़ी-दर-पीढ़ी बढ़ाते विधायक जी की सुपुत्री गौरी मिश्रा।
उम्र में कच्चे; दोनों बच्चे। अभी-अभी तो बायलॉजी की साइकोलॉजी समझना शुरू ही किया था कि आयु की जलवायु अपनी पुरवाई हवा से दिल के दीवार पर कील ठोक इश्क़ का अंगोछा डाल, हरियाणा रोडवेज के बस के जैसे अपनी सीट पक्की करने में लगा हुआ था।
अब देखना है कि मध्यमवर्गीय माथुर साहेब के सुपुत्र के प्यार को कहाँ जाकर करार मिलता है?
या फिर सत्ताधारी विधायक जी की राजनीति की बढ़ती हुई गति उन्हीं की सुपुत्री गौरी मिश्रा जी के प्यार के बीच दीवार बन जायेगा?
रुद्र और गौरी की प्यार हकार देने पहुँचा है "भौकाल" आपके दरवाजे, तो आइए जुड़िए हमारी लव स्टोरी के साथ फुरसत निकाल तसल्ली कोर्नर से बैठ पढ़ डालिए लव कोर्नर के साथ।
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उम्र में कच्चे; दोनों बच्चे। अभी-अभी तो बायलॉजी की साइकोलॉजी समझना शुरू ही किया था कि आयु की जलवायु अपनी पुरवाई हवा से दिल के दीवार पर कील ठोक इश्क़ का अंगोछा डाल, हरियाणा रोडवेज के बस के जैसे अपनी सीट पक्की करने में लगा हुआ था।
अब देखना है कि मध्यमवर्गीय माथुर साहेब के सुपुत्र के प्यार को कहाँ जाकर करार मिलता है?
या फिर सत्ताधारी विधायक जी की राजनीति की बढ़ती हुई गति उन्हीं की सुपुत्री गौरी मिश्रा जी के प्यार के बीच दीवार बन जायेगा?
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