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छोटी कविताएँ। आकार लघु परन्तु भाव-अर्थ-संपृक्त। देखने में छोटी जिनका घाव-प्रभाव बड़ा। सहेजेंगे यहाँ पर, सराहेंगे और इनकी व्यंजना समो लेंगे अन्तर में।
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