पानी की कमी से शर्म से पानी-पानी हुआ बुंदेलखंड. बुंदेलखंड में पानी की कमी एक पुरानी खबर की तरह है. यह बात इतनी आम है बुंदेलखंड में, जितनी दिल्ली में क्राइम और प्रदूषण.
बुंदेलखंड के कुछ गांवों में पानी खोदने से भी नहीं मिलता. पानी के लिए एक-दो कुएँ हैं, जिसके लिए 3-3 Km जाना पड़ता है. कोई साइकिल पे तो कोई कमर पे या फिर सर पे रख के पानी लाता है. पानी के लिए इतनी तकलीफ वो भी आज के ज़माने में, यह एक काफी शर्मनाक बात है.   
बुंदेलखंड में 40 साल के उम्र वाले पुरुष भी कुंवारे बैठे हैं. लड़कियां उन्हें टिंडर की तरह लेफ्ट स्वैप कर के निकल ले रही हैं. कई लोगों की बीवी उन्हें छोड़ के भाग गई, किसी भी महिला को पानी के लिए इतनी तकलीफ उठाना मंज़ूर नहीं. पानी की परेशानी ने यहाँ पुरुषों को कहीं का नहीं छोड़ा, कुंवारे ही ज़िन्दगी बितानी पड़ेगी अब.  
जल जीवन मिशन यहां इतना ज़दा कामयाब है जितना पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सरफ़राज़ थे. जल जीवन मिशन यहां के.एल राहुल की पारी ही की तरह काफी कम समय तक टिका. 
पानी बचाइए क्यों कि हर किसी को नहीं मिलता पानी ज़िन्दगी में. पानी के महत्व को समझिए. ठंड का मौसम है, कोई ज़रूरत नहीं नहाने की पानी बचाइए और सिर्फ पानी ही मत पीजिए. बने रहिए भौकाल के साथ.