ये इस शहर को हुआ क्या ? शहर तो दिख नहीं रहा हर तरफ सिर्फ धुआँ ही धुआं है. बिहार ने प्रदूषण में गोल्ड मैडल जीता है. 
बिहार में हवा बहुत जहरीली हो गई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, 16 नवंबर (बुधवार) को सुबह करीब 7 बजे बेतिया का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 430. बेगुसराय का 425, सीवान का 416 और पुर्णिया में 414 दर्ज किया गया. बिहार के इन शहरों में सांस लेने का मतलब है कि आप रोज़ एक डब्बा गोल्ड फ्लैक या मालबोरो एडवांस फूक रहे हो. सुट्टा खोर इस चीज़ से बहुत खुश हैं. मेरा बिहार बदल रहा है आगे बढ़ रहा है.यहाँ की हवा इतनी ज़्यादा खतरनाक हो चूकि है कि लोग अब हवा भी बनिये की दूकान से खरीद के लाएंगे. हवा ! हवा ! 2000 रूपये एक पौव्वा, अये! चाची ले ला एक दम ताज़ा हवा है  सही-सही दाम भी लगा देबू हम. ऐसी आवाज़ें भी बहुत जल्द आम होने वाली हैं. साँस में मेरी यह ज़हरीली हवा आई, मुझे मौत आई ! मुझे मौत आई !
अगर लोगों ने प्रदूषण फैलाना बंद नहीं किया तो इन हलकटों की वजह से आने वाले साल में चीन की तरह हि बुफ़े सिस्टम की प्लेट के जैसे तरह-तरह की  बीमारियां पैदा होंगी और हमारे पास भगवान के घर का तत्काल टिकट कराने के बजाय कोई और दूसरा विकल्प नहीं होगा. सुधर जाएं और बने रहें भौकाल के साथ.