अब तो आदत सी है मुझको ऐसे टकराने में  . मतलब टकराते टकराते ये ट्रेन अंडरटेकर न बन जाए . 
वंदेभारत एक्सप्रेस एक बार फिर से टकरा गई और इस बार बैल से  .और उसका आगे का हिस्सा चला गया तेल लेने बिनदेखलपुर . अरे ट्रेन है या प्लास्टिक का बाल्टी जब देखो तब पचक जाता है  . कहा जाता है की ये ट्रेन भारत की सबसे तेज़ रफ़्तार ट्रेन है  . अब ये कहना गलत नहीं होगा की जो जितना तेज़ बनता है ज़िंदगी में उतनी ही बार टकराता है और उदाहरण आपके सामने है . इंसानो से ज़ादा जानवरों को इस ट्रेन में दिलचस्पी है . इसीलिए बार जानवर इसके सामने आजा रहे हैं  . या फिर कही जंगल में प्यार मोहब्बत वला एंगल तो नहीं चल रहा तभी इतने जानवर आत्महत्या करने पटरी पे पहुंच जा रहे हैं . खैर इस कलयुग में कुछ भी हो सकता है .
आपको बता दें की ये वंदे भारत एक्सप्रेस की एक महीने में तीसरी टक्कर है  . ऐसा ही चलता रहा तो सुरक्षा के मामले में लोगों का विश्वास इस ट्रेन पर से उठ जाएगा . बने रहिए भोकाल के साथ  .