दिवाली की धूम आज पुरे देश में है  . आप सब को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं . पटाखे तो 2 बार आउट ऑफ़ स्टॉक हो चुके हैं .
भारत की जीत के बाद पाकिस्तान में दुःख दर्द पीड़ा का माहौल है . दिवाली का हर रॉकेट उनके गुर्दे पे गिर रहा है. टूटा हुआ साज़ हूँ मैं खुद से नाराज़ हूँ मैं  . होना भी चाहिए भाई  . मतलब हाथ को आया और मुँह न लगा वाला हाल हो गया . पटाखों की आवाज़ से पड़ोसियों के कान के साथ साथ और भी बहुत कुछ फट चूका है . फटना भी चाहिए ज़रूरी है, तभी तो ये मारो मारो कर के रोना करेंगे. सही कहा है ग़ालिब ने की खली बर्तन काफी आवाज़ करता है और यही हाल इनका है . सुना था के इनके कुछ खिलाडी ऐसे हैं जिनको सिर्फ छक्के मारने की आदत है, शायद कल बॉल दिखी नहीं होगी . दिखती होती तो पक्का बॉल तो आसमान में छेद करके रेगिस्तान में बारिश करवा देती. फेकना कोई इनसे सीखे. भाई छक्के मारने से पहले बॉल देखना सीख ले.      
खैर जो हाल इनका है वो तो भगवान किसी का भी ना करे तो बेहतर होगा. सुना है पड़ोस में काफी सन्नाटा पसरा हुआ है, लगता है मुँह दबा के आंसू को पि रहे हैं हमारे पडोसी.